मणिपुर: महिलाओं को नग्न घुमाने पर गुस्साई भीड़ ने मुख्य आरोपी के घर को किया आग के हवाले, अब तक 4 आरोपी गिरफ्तार
By अंजली चौहान | Published: July 21, 2023 09:31 AM2023-07-21T09:31:06+5:302023-07-21T09:44:08+5:30
मणिपुर, जो धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा था, 4 मई को सोशल वीडियो प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर तनाव की चपेट में आ गया है, जिसमें दो महिलाओं को दर्जनों पुरुषों द्वारा नग्न परेड करते हुए दिखाया गया है। यह वीडियो बुधवार देर रात सोशल मीडिया पर सामने आया।
इंफाल: भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न सड़कों पर घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में आक्रोश की भावना है। दिल दहला देने वाले वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस ने इसके मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं, गिरफ्तारी के बाद गुस्साई मणिपुर की भीड़ ने आरोपी के घर को आग के हवाले कर दिया। बताया जा रहा है कि घटना के बाद लोगों में काफी गुस्सा है जिसके बाद शुक्रवार को लोगों ने आरोपी के घर को जला डाला।
वहीं, पुलिस ने अब तक इस मामले में चार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में चार आरोपियों के अलावा पूरी भीड़ थी जिसमें सभी पुरुष मौजूद थे और दोनों महिलाओं को निवस्त्र करके घुमा रहे थे। जानकारी के अनुसार, वीडियो में मणिपुर के कांगपोकपी जिले में मैतई समुदाय की महिलाओं का है जिन्हें कुकी समुदाय के लोग नग्न घुमा रहे हैं।
कांगपोकपी जिले के एक गांव में हुई यह घटना 4 मई की बताई जा रही है जिसका वीडियो अब वायरल होने के बाद इसमें कार्रवाई की गई है। पूरे देश में वीडियो को लेकर भारी आक्रोश है और वीडियो में दिख रहे सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने की लोग मांग कर रहे हैं।
वीडियो पर स्वत: संज्ञान लेते हुए, मणिपुर पुलिस ने बुधवार रात को थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया था।
गुरुवार को, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि घटना की गहन जांच चल रही है और संभावित मृत्युदंड सहित सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मणिपुर में मैतई और कुकी समुदाय के जातीय हिंसा में अब तक 150 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं। यह सब उस वक्त हुआ जब मैतई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया गया था।
मैतेई राज्य की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हिस्सा हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
गौरतलब है कि वीडियो में दिख रही महिलाएं पहाड़ी राज्य के युद्धरत समुदायों में से एक से थीं। भीड़ ने कथित तौर पर एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार भी किया और जब उसके भाई ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो उसकी हत्या कर दी गई।