कोलकाता। कोविड-19 लॉकडाउन के जारी रहने का संकेत देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक जून से धार्मिक स्थलों को खोलने और जून के दूसरे हफ्ते से 70 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ राज्य सरकार के कार्यालयों में कामकाज शुरू करने जैसे कई तरह की छूट देने की शुक्रवार को घोषणा की। लॉकडाउन के चौथे चरण के दो दिन पहले की गयी घोषणा का मकसद प्रमुख संस्थानों में रोजाना के कामकाज को सामान्य बनाने का है। हालांकि, राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण विपक्षी भाजपा और माकपा ने आलोचना करते हुए फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
बनर्जी ने शाम में बयान में कहा कि राज्य सरकार के कार्यालय 70 प्रतिशत उपस्थिति के साथ काम करेंगे जबकि निजी क्षेत्र को कामकाज पर खुद फैसला लेना होगा । इससे पहले बनर्जी ने आठ जून से निजी और सरकारी कार्यालयों को पूरी उपस्थिति के साथ खोलने की घोषणा की थी। अपने फेसबुक पेज पर एक बयान में बनर्जी ने कहा कि जरूरी असर के लिए लॉकडाउन जारी रहेगा । कर्नाटक के बाद पश्चिम बंगाल ऐसा दूसरा राज्य होगा जो धार्मिक स्थलों के द्वार को खोलने की अनुमति देगा। कर्नाटक ने सोमवार से धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए केंद्र से अनुमति मांगी है।
पश्चिम बंगाल में सात और लोगों की कोविड-19 से मौत, मृतक संख्या 300 के पार
पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को सात और लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो गई, जिसके साथ ही राज्य में मृतकों की संख्या 302 तक पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के मुताबिक राज्य में संक्रमण के 277 नए मामले सामने आए। इसके मुताबिक, कुल 302 मौत में से 72 मरीज की मौत अन्य बीमारियों के कारण हुई और इन मामलों में कोरोना वायरस संक्रमण भी था। बुलेटिन में कहा गया कि दो लोगों की मौत शहर में हुई जबकि दो ने पड़ोसी जिले हावड़ा में दम तोड़ दिया। इसी तरह, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना और नादिया जिले में एक-एक मरीज की मौत हुई। पश्चिम बंगाल में अब तक कोविड-19 के 4,813 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 2,736 मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। सामने आए नए मामलों में सबसे अधिक कोलकाता में 71 मामले और उत्तर 24 परगना में 54 मरीज सामने आए। सूत्रों ने बताया कि शहर के नील रत्न सिरकार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चार कर्मचारियों में संक्रमण की पुष्टि हुई। उन्होंने बताया कि कोलकाता पुलिस के 10 जवान भी संक्रमित पाए गए हैं।