प. बंगाल में सामाजिक सौहार्द्र को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रही ममता की तुष्टिकरण नीति: त्रिपाठी
By भाषा | Published: July 27, 2019 07:46 PM2019-07-27T19:46:57+5:302019-07-27T19:46:57+5:30
त्रिपाठी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के पास दृष्टि है, उन्हें अपने निर्णयों को लागू करने की शक्ति है लेकिन उन्हें संयमित भी रहना चाहिए। वह कुछ मौकों पर भावुक हो जाती हैं, इसलिए उन्हें इस पर नियंत्रण रखना होगा।’’
पश्चिम बंगाल के निवर्तमान राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास अपने निर्णयों को लागू करने के लिए दृष्टि और शक्ति है लेकिन उनकी तुष्टिकरण की नीति राज्य के सामाजिक सौहार्द्र को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रही है।
त्रिपाठी के पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान बनर्जी के साथ उनकी कई बार असहमति हुई है। त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें प्रत्येक नागरिक की ओर बिना किसी भेदभाव के समान तरीके से देखना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री को सलाह दी कि वह अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें और संयमित रहें।
त्रिपाठी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के पास दृष्टि है, उन्हें अपने निर्णयों को लागू करने की शक्ति है लेकिन उन्हें संयमित भी रहना चाहिए। वह कुछ मौकों पर भावुक हो जाती हैं, इसलिए उन्हें इस पर नियंत्रण रखना होगा।’’
जगदीप धनकड़ को 30 जुलाई को पश्चिम बंगाल के नये राज्यपाल के तौर पर शपथ दिलायी जाएगी। त्रिपाठी ने सवालों के जवाब में कहा, ‘‘उनकी (बनर्जी) तुष्टिकरण की नीति ने सामाजिक सौहार्द्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है...मैं समझता हूं कि उन्हें प्रत्येक नागरिक को समान रूप से देखना चाहिए। मेरा मानना है कि पश्चिम बंगाल के प्रत्येक नागरिक से बिना किसी भेदभाव के समान रूप से व्यवहार होना चाहिए।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह पश्चिम बंगाल में कोई भेदभाव देखते हैं, 85 वर्षीय त्रिपाठी ने कहा, ‘‘भेदभाव प्रत्यक्ष है। उनके (बनर्जी) बयान भेदभाव दिखाते हैं।’’