बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को जबरदस्त जनसमर्थन मिल रहा है. जनता के इस समर्थन के चलते मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उनकी तृणमूल कांग्रेस की हार सुनिश्चित दिखाई दे रही है. इसी से बौखलाकर वे प्रशासनिक संरक्षण में प्रजातंत्र को कुचलने का काम कर रही हैं, मखौल उड़ा रही हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो पर पथराव और आगजनी की घटना से यह साबित हो गया है.
यह बात बुधवार को पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने मीडिया से चर्चा करते हुए कही. गुप्ता ने कहा कि ममता बनर्जी राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह के रोड शो के दौरान हुई हिंसा का आरोप भाजपा पर लगा रही हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के 6 चरण हो चुके हैं और हर चरण में सिर्फ प. बंगाल में ही हिंसा क्यों हो रही है. क्यों अन्य राज्यों में चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे हैं, जबकि भाजपा उन राज्यों में भी चुनाव मैदान में हैं. पूर्व मंत्री गुप्ता ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि हिंसा भाजपा नहीं, तृणमूल कांग्रेस करा रही है. श्री गुप्ता ने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान भी तृणमूल के गुंडों ने हमारे 60 से अधिक कार्यकर्ताओं की हत्याएं कर दी थीं.
निर्वाचन आयोग का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण
गुप्ता ने कहा कि प. बंगाल में लोकसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में चुनाव से पहले गुंडे-बदमाशों को बंद कर दिया है, लेकिन बंगाल में सिर्फ बांड भराकर छोड़ दिया जा रहा है. अन्य नेताओं के बयानों पर संज्ञान लेकर निर्वाचन आयोग ने उन्हें बैन किया है, लेकिन ममता बनर्जी अपने भाषण में सार्वजनिक रूप से भाजपा नेताओं, कार्यकतार्ओं को धमकी देती है और बदला लेने की बात कहती हैं, लेकिन निर्वाचन आयोग मूकदर्शक बना हुआ है. श्री गुप्ता ने कहा कि हम निर्वाचन आयोग से मांग करते हैं कि पं. बंगाल में भी अन्य राज्यों की तरह उपाय किए जाएं, ताकि लोकसभा चुनाव का 7 वां चरण शांतिपूर्वक संपन्न हो सके.