ED पर भड़के मल्लिकार्जुन खड़गे, बोले- जब सदन चल रहा है, उस वक्त ईडी द्वारा मुझे बुलाना, क्या उचित है?
By रुस्तम राणा | Published: August 4, 2022 03:27 PM2022-08-04T15:27:05+5:302022-08-04T15:31:22+5:30
गुरुवार को खड़गे ने राज्यसभा में कहा, ‘‘सदन की बैठक हो रही है। मैं भी इस सदन का एक सदस्य हूं और विपक्ष का नेता भी हूं। लेकिन मुझे इस वक्त ईडी का समन आता है कि जल्दी आइए।’’
नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन को भी समन जारी किया गया है। ईडी द्वारा यह समन उन्हें संसद के मानसून सत्र के दौरान भेजा गया है। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रवर्तन निदेशालय पर भड़क गए हैं। उन्होंने सरकार से सवाल किया है कि सदन के बीच उन्हें ईडी द्वारा बुलाना कितना उचित है?
गुरुवार को खड़गे ने राज्यसभा में कहा, ‘‘सदन की बैठक हो रही है। मैं भी इस सदन का एक सदस्य हूं और विपक्ष का नेता भी हूं। लेकिन मुझे इस वक्त ईडी का समन आता है कि जल्दी आइए।’’ खड़गे ने कहा कि उन्हें 12.30 बजे ईडी ने बुलाया है इसलिए कानून का पालन करने के लिए वह ईडी कार्यालय जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘... जब सदन चल रहा है, उस वक्त ईडी द्वारा मुझे बुलाना, क्या यह उचित है? ’’
खड़गे ने आगे कहा कि कल पुलिस के द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के घर को घेर लिया गया था। क्या ऐसी स्थिति में लोकतंत्र जिंदा रहेगा? क्या हम संविधान के मुताबिक कार्य कर रहे हैं? हम डरने वाले नहीं हैं। हम इसके लड़ाई लड़ते रहेंगे।
वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उस वक्त समन किया गया जब संसद का सत्र चल रहा है जो दिखाता है कि ‘मोदीशाही’ का स्तर पर हर दिन नीचे गिरता जा रहा है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘जब संसद का सत्र चल रहा है तब ईडी ने राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को समन भेजा। वे दोपहर लगभग 12:20 बजे संसद से निकले और ईडी के समक्ष पेश हुए। मोदीशाही का स्तर हर दिन नीचे गिरता जा रहा है।’’
जब संसद का सत्र चल रहा है तब ED ने राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को समन भेजा। वे दोपहर लगभग 12:20 संसद से निकले और ED के समक्ष पेश हुए। मोदीशाही का स्तर हर दिन नीचे गिरता जा रहा है।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 4, 2022
उधर, कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि सरकार कभी भी कानून का पालन करवाने वाली किसी भी एजेंसी के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करती है। मुझे लगता है शायद कांग्रेस सरकार के समय ऐसी परंपरा रही होगी। आज के समय अगर कोई भी कुछ भी गलत कार्य करता है, तो कानूनी एजेंसियां अपना कार्य करने के लिए स्वतंत्र है।
(इनपुट एजेंसी )