अमित शाह के पत्र का मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिया जवाब, कहा- "जिस दिन पीएम मोदी हमारी तुलना..."

By मनाली रस्तोगी | Updated: July 26, 2023 15:10 IST2023-07-26T15:10:36+5:302023-07-26T15:10:42+5:30

अमित शाह ने अपने पत्र में लिखा, "विपक्ष सरकार से मणिपुर पर बयान की मांग कर रहा है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि सरकार सिर्फ बयान नहीं, पूरी चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन इसके लिए सभी दलों के सहयोग की जरूरत होगी।"

Mallikarjun Kharge replies to Amit Shah's letter | अमित शाह के पत्र का मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिया जवाब, कहा- "जिस दिन पीएम मोदी हमारी तुलना..."

अमित शाह के पत्र का मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिया जवाब, कहा- "जिस दिन पीएम मोदी हमारी तुलना..."

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस पत्र का जवाब दिया जिसमें अमित शाह ने मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद में कांग्रेस और सभी दलों से सहयोग मांगा था।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पत्र में लिखा, "जिस दिन पीएम मोदी हमारी तुलना आतंकवादी संगठन से करते हैं, गृह मंत्री पत्र लिखकर विपक्षी दलों से सहयोग मांगते हैं। सरकार और विपक्ष के बीच दूरियां तो वर्षों से थीं, लेकिन अब हम सरकार में भी दूरियां देख रहे हैं। पीएम मोदी द्वारा भारत को दिशाहीन कहना दुर्भाग्यपूर्ण है।"

अमित शाह ने अपने पत्र में लिखा, "विपक्ष सरकार से मणिपुर पर बयान की मांग कर रहा है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि सरकार सिर्फ बयान नहीं, पूरी चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन इसके लिए सभी दलों के सहयोग की जरूरत होगी। मैं आपके माध्यम से सभी विपक्षी दलों से अपील करता हूं कि कृपया अच्छे माहौल में चर्चा के लिए आगे आएं।"

वहीं, खड़गे में पत्र में लिखा, "आपके पत्र की भावना के विपरीत सरकार का रवैया संसद में असंवेदनशील और मनमाना रहा है। यह रवैया नया नहीं है, बल्कि पिछले कई सत्रों में विपक्ष का यह रवैया देखने को मिला है। सदस्यों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है - बात का बतंगड़ बना दिया गया है। विपक्ष हर दिन बहस के लिए नोटिस दे रहा है लेकिन सरकारी पक्ष इसमें अड़ंगा लगा रहा है।" 

उन्होंने आगे लिखा, "संसद में जब कोई सदस्य सभापति की अनुमति लेकर बोलने के लिए खड़ा होता है तो सदन का नेता उसे रोक देता है। फिर भी विपक्षी सदस्य इस उम्मीद से सदन में जुटते हैं कि चर्चा होगी। पत्रों के माध्यम से अपनी बात कहना आसान है लेकिन बात को आगे बढ़ाना और विपक्षी सदस्यों का विश्वास जीतना आसान है।"

खड़गे ये भी लिखा, "चूँकि हम लंबे समय से सत्ता में हैं, इसलिए हम जानते हैं कि सत्ता पक्ष और विपक्ष की सभी हरकतें इतिहास के पन्नों में दर्ज रहेंगी। हम आने वाली पीढ़ियों के लिए ज़िम्मेदार हैं ताकि हम उन्हें बता सकें कि हमने उनके अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। अगर सत्ता पक्ष चाहता है कि संसद सुचारू रूप से चले तो सबसे आसान तरीका है कि विपक्षी सदस्यों को बोलने दिया जाए।"

Web Title: Mallikarjun Kharge replies to Amit Shah's letter

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