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महाराष्ट्रः मल्लिकार्जुन खड़गे बोले- शरद पवार और सोनिया गांधी के बीच बैठक में तय होगा एजेंडा, कांग्रेस नहीं ले सकती अकेले फैसला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 15, 2019 22:37 IST

288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं, जो सरकार बनाने के लिये बहुमत के आंकड़े को छू रही थीं। कांग्रेस और राकांपा ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं।

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ठळक मुद्देमहाराष्ट्र में पहली बार ऐसा प्रयोग हो रहा है जब अलग अलग विचारधारा के ये दल सरकार बना रहे हैं जिसका नेतृत्व शिवसेना करेगी। राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने मुंबई में कहा कि मुख्यमंत्री का पद शिवसेना के पास रहेगा।

महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के गठबंधन वाली पहली सरकार बनती दिख रही है। महाराष्ट्र के सरकार के दावेदारी के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि एनसीपी चीफ शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच में 17 नवंबर को बैठक होगा, जिसमें सरकार कैसे बनाना है इसका एजेंडा तय किया जाएगा। बैठक में चर्चा की जाएगी कि सरकार बनाने के लिए कैसे क्या करना है। शरद पवार और सोनिया गांधी के बातचीत के बाद ही राजनीतिक एजेंडा तैयार किया जाएगा। महाराष्ट्र में फिलहाल राष्ट्रपति शासन है। 

मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि कांग्रेस अकेले सरकार बनाने का फैसला नहीं ले सकती है। इधर शरद पवार ने शुक्रवार को विश्वास जताया कि तीन दलों की सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और विकासोन्मुखी शासन देगी। राकांपा ने यह भी कहा कि गठबंधन की अगुवाई शिवसेना करेगी।  मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा के साथ शिवसेना की सहमति नहीं बन पाई थी। कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करेगा लेकिन तीनों दलों का कहना है कि यह बैठक वर्षा प्रभावित किसानों के लिए तत्काल सहायता मांगने के लिए है, ना कि सरकार गठन को लेकर। 

पवार के सहयोगी और राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने मुंबई में कहा कि मुख्यमंत्री का पद शिवसेना के पास रहेगा। मलिक ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा। मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर ही उसने महायुति को छोड़ा है। उनकी भावनाओं का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है।’’

महाराष्ट्र में पहली बार ऐसा प्रयोग हो रहा है जब अलग अलग विचारधारा के ये दल सरकार बना रहे हैं जिसका नेतृत्व शिवसेना करेगी। तीनों दलों ने साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) का मसौदा तैयार कर लिया है जिससे राज्य में उनके गठबंधन का एजेंडा निर्धारित होगा। इससे पहले पिछले दो दशक में राज्य की सियासत भाजपा-शिवसेना और कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के इर्दगिर्द घूमती रही है।

288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं, जो सरकार बनाने के लिये बहुमत के आंकड़े को छू रही थीं। कांग्रेस और राकांपा ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को केंद्र को एक रिपोर्ट भेजकर मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य में स्थिर सरकार के गठन को असंभव बताया था, जिसके बाद से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है। 

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