मलिक ने किसान आंदोलन को लेकर नेताओं पर कसा तंज, कहा राज्यपाल का पद छोड़ने के लिए तैयार

By भाषा | Updated: November 8, 2021 00:36 IST2021-11-08T00:36:35+5:302021-11-08T00:36:35+5:30

Malik took a jibe at the leaders regarding the farmers' movement, said ready to leave the post of governor | मलिक ने किसान आंदोलन को लेकर नेताओं पर कसा तंज, कहा राज्यपाल का पद छोड़ने के लिए तैयार

मलिक ने किसान आंदोलन को लेकर नेताओं पर कसा तंज, कहा राज्यपाल का पद छोड़ने के लिए तैयार

जयपुर, सात नवंबर मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को यह घोषणा करते हुए कि वह किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए अपने पद से हटने को तैयार हैं, कहा कि दिल्ली में नेता "कुत्ते के मरने पर भी" शोक व्यक्त करते हैं, लेकिन किसानों की मौतों की उन्हें कोई परवाह नहीं।

मलिक ने सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना की भी आलोचना यह कहते हुए कि एक नए संसद भवन के बजाय एक विश्व स्तरीय कॉलेज बनाना बेहतर होगा।

राज्यपाल द्वारा आलोचनात्मक टिप्पणियों की एक श्रृंखला के क्रम में यह नया बयान है जो किसानों के मुद्दे और कथित भ्रष्टाचार को लेकर केंद्र और राज्यों की भाजपा सरकारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निशाना बनाते रहे हैं।

मलिक मोदी के कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय के राज्यपाल बने हैं।

जयपुर में ग्लोबल जाट समिट को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि उन्हें किसानों के मुद्दे पर दिल्ली के नेताओं को निशाना बनाने पर राज्यपाल का अपना पद खोने का डर नहीं है .. “राज्यपाल को हटाया नहीं जा सकता लेकिन कुछ मेरे शुभचिंतक हैं जो इस तलाश में रहते है कि यह कुछ बोले और इसे हटाया जाए।”

उन्होंने कहा कि दिल्ली में "दो या तीन" नेताओं ने उन्हें राज्यपाल बनाया। साथ ही कहा, "जिस दिन वे कहेंगे कि उन्हें समस्या है और मुझे पद छोड़ने के लिए कहेंगे, मैं एक मिनट भी नहीं लूंगा।"

मलिक ने कहा, “मैं जन्म से राज्यपाल नहीं हूं। मेरे पास जो कुछ है उसे खोने के लिए मैं हमेशा तैयार हूं लेकिन मैं अपनी प्रतिबद्धता नहीं छोड़ सकता। मैं पद छोड़ सकता हूं लेकिन किसानों को पीड़ित और हारते हुए नहीं देख सकता।’’

उन्होंने कहा कि देश में पहले ऐसा कोई आंदोलन नहीं हुआ है जिसमें "600 लोग" मारे गए हों। उनका इशारा केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों की मौत से था।

राज्यपाल ने कहा, “एक कुत्ता भी मरता है तो दिल्ली के नेताओं का शोक संदेश आता है लेकिन 600 किसानों का शोक संदेश का प्रस्ताव लोकसभा में पास नहीं हुआ।’’

उन्होंने 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने मोदी से सिखों और जाटों से दुश्मनी मोल नहीं लेने के लिए कहा था - वे समुदाय जो प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा हिस्सा हैं।

उन्होंने अपने सुझाव को दोहराया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गारंटी के जरिए इस मुद्दे का समाधान किया जा सकता है।

मलिक ने दावा किया कि सेना ने केंद्रीय कानूनों पर आंदोलन के प्रभाव को महसूस किया है क्योंकि किसानों के बेटे भी सेना में काम करते हैं।

हरियाणा में भाजपा नेताओं के खिलाफ किसानों के विरोध का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का हेलीकॉप्टर राज्य के किसी भी गांव में नहीं उतर सकता।

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Web Title: Malik took a jibe at the leaders regarding the farmers' movement, said ready to leave the post of governor

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