पणजी, 20 मार्च गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) ने शनिवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक के अधिकारियों ने गोवा के अपने समकक्षों को महादयी नदी पर प्रस्तावित बांध स्थल पर कथित तौर पर निरीक्षण करने से रोक दिया। इसके साथ ही पार्टी ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप की मांग की है।
गोवा और कर्नाटक के बीच महादयी नदी के पानी को साझा करने को लेकर विवाद है और राज्यों ने मामले में उच्चतम न्यायालय के समक्ष विशेष अनुमति याचिका दायर की है।
भारत के प्रधान न्यायाधीश को लिखे एक पत्र में, जीएफपी अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने कर्नाटक में कलसा बांध परियोजना के लिए एक संयुक्त निरीक्षण समिति में शामिल गोवा के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ कर्नाटक पुलिस द्वारा कथित रूप से किए गए दुर्व्यवहार और आदेश के घोर उल्लंघन का मुद्दा उठाया।
मीडिया रिपोर्टों को रेखांकित करते हुए सरदेसाई ने कहा कि कर्नाटक पुलिस के कुछ कर्मियों ने उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार गोवा के अधिकारियों का स्थल का निरीक्षण नहीं करने दिया, जो जल संसाधन विभाग के तकनीकी कर्मचारी थे।
गोवा सरकार ने महादयी नदी के पानी का मार्ग बदलने और महादयी अधिकरण के आदेशों को उल्लंघन के मुद्दे पर कर्नाटक सरकार के खिलाफ एक अवमानना याचिका दायर की थी।
इसके बाद, शीर्ष अदालत ने 22 फरवरी को निर्देश दिया था कि कलसा परियोजना का निरीक्षण करने और चार सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक के अधिकारियों को शामिल कर एक संयुक्त निरीक्षण समिति बनाई जाए।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।