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सांसद महुआ मोइत्रा ने जी न्यूज के पत्रकार सुधीर चौधरी से कहा- झूठ बोलने की सजा तो भुगतनी ही पड़ेगी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 5, 2019 09:32 IST

महुआ की आक्रामक भाषण शैली के मद्देनजर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी में महासचिव और प्रवक्ता बनाया हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 में कृष्णानगर संसदीय सीट से जीत हासिल की है।

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तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने गुरुवार को लोकसभा में न्यूज चैनल ZEE NEWS और पत्रकार सुधीर चौधरी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया। इसके बाद दोनों के बीच ट्वीटर पर वार जारी है। सुधीर चौधरी ने ट्वीट किया जिसका जवाब महुआ ने दिया। सुधीर ने ट्वीट कर कहा कि- टुकड़े टुकड़े गैंग को ध्वस्त कर दिया गया है और वो रो रहे हैं। एक निर्वाचित भारतीय सांसद कहीं से भी एक आर्टिकल/ पोस्टर उठाकर उसे कोट करते हुए भारतीय मतदाताओं को नीचे दिखाने का प्रयास करती हैं। हम उसका बहिष्कार करते हैं। उसका गैंग दुखी है। हम भारतीय मतदाताओं को बदनाम करने के सभी प्रयासों को बेनकाब करेंगे। 

इसके जवाब में महुआ ने लिखा कि- क्रायबेबी ने सोचा कि महुआ दोबारा नहीं लड़ेगी। अब दांए, बांए और सेंटर जब हर तरफ से उसपर वार हुआ तो वह रो रहा है। कोई इस सज्जन को बताए कि जब आप मल से खेलेंगे तो आप से बदबू ही आएगी।

एक दूसरे ट्वीट में सुधीर चौधरी ने लिखा कि विशेषाधिकार प्राप्त सांसद महुआ मेरे खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। मैंने उनके किसी भी विशेषाधिकार और शक्ति का उल्लंघन नहीं किया है बस वह मेरी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। आज रात मैं जनता की संसद में उनके खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव का उल्लंघन करूंगा।

इसके जवाब में महुआ ने ट्वीट कर जवाब दिया कि- तुम्हारा खून खून, हमारा खून पानी? पहले आपने खून खींचा है अब इसे वापस करने का समय है। रोते क्यों हैं जब आप को वही मिलता है जिसके आप लायक हैं। आप अपने झूठ बोलने का भुगतान करेंगे। 

मोइत्रा ने सुधीर चौधरी पर गलत रिपोर्टिंग करने का आरोप लगाया। हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मोइत्रा के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इससे पहले बुधवार को महुआ मोइत्रा ने उन पर लगे साहित्यिक चोरी के आरोपों को लेकर निराशा व्यक्त की और आरोपों के लिये भाजपा की “ट्रोल सेना” को जिम्मेदार ठहराया। उनका “फासीवाद के सात चिन्ह” विषय पर संसद में पिछले हफ्ते दिया गया भाषण सोशल मीडिया वायरल हो गया था। मोइत्रा ने एक बयान में कहा, “साहित्यिक चोरी तब है जब कोई अपने स्रोत का खुलासा न करे। मेरे बयान में स्रोत का स्पष्ट रूप से जिक्र है जो राजनीतिक विज्ञानी डॉ. लॉरेंस डब्ल्यू ब्रिट द्वारा तैयार होलोकास्ट म्यूजियम था जिसमें शुरुआती फासीवाद के 14 संकेत का उल्लेख है।” 

उन्होंने कहा, “मैंने भारत के लिये सात संकेतों को प्रासंगिक पाया और उनमें से प्रत्येक का विस्तार से जिक्र किया।” वॉशिंगटन मंथली के एक लेख को उद्धृत करते हुए एक ट्वीट आजकल चर्चा में है जिसमें आरोप लगाया गया है कि टीएमसी सांसद ने लोकसभा में अपने बयान का कुछ हिस्सा “फासीवाद के शुरुआती 12 संकेत” नाम से प्रकाशित लेख से लिया था जो अमेरिका और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संदर्भ में था। कौन हैं महुआ मोइत्राजेपी मॉर्गन में काम कर चुकीं बैंकर महुआ मोइत्रा न्यूयॉर्क में अपनी शान-ओ-शौकत भरी जिंदगी को छोड़कर राजनीति में आईं। पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से TMC के टिकट पर उन्होंने 2019 का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उन्होंने बीजेपी के कल्याण चौबे को करीब 63 हजार वोटों से हराया।

टॅग्स :महुआ मोइत्राटीएमसीममता बनर्जीपश्चिम बंगाल
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