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एनडीए के असंतुष्ट सहयोगियों से भी मिलेगा महाविकास आघाड़ी, बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी JDU पर नजर

By संतोष ठाकुर | Updated: December 1, 2019 08:18 IST

आघाड़ी की इस उम्मीद की वजह यह है कि जब महाराष्ट्र में सरकार बनाने की मशक्कत शुरू हुई तो जेडीयू ने कहा था कि वहां पर रात में सरकार नहीं बननी चाहिए थी.

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ठळक मुद्देइसके अलावा उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी आघाड़ी को अपना भविष्य उज्जवल नजर आ रहा है. उत्तरप्रदेश में सरकार की सहयोगी अपना दल के अलावा बसपा, सपा और लोकदल उसके साथ आ सकते हैं.

महाराष्ट्र की जीत से उत्साहित शरद पवार का महाविकास आघाड़ी जल्द ही अन्य राज्यों में भी एनडीए के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाने के कार्य में जुटने की तैयारी कर रहा है. स्वयं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि एनडीए विरोधी मोर्चा को देशव्यापी आधार देने का कार्य किया जाएगा. लेकिन सबसे खास बात यह है कि आघाड़ी न केवल एनडीए विरोधी दलों बल्कि एनडीए में शामिल ऐसे दलों से भी मिलने की तैयारी में है, जो वर्तमान सरकार से असंतुष्ट हैं.

सूत्रों के मुताबिक आघाड़ी की प्राथमिकता में बिहार का जदयू और रामविलास पासवान नीत लोजपा के साथ ही महाराष्ट्र से भाजपा की सहयोगी रामदास आठवले नीत आरपीआई भी है. उसे उम्मीद है कि इन दलों के साथ बैठक में उसे सकारात्मक नतीजे मिल सकते हैं.

आघाड़ी की इस उम्मीद की वजह यह है कि जब महाराष्ट्र में सरकार बनाने की मशक्कत शुरू हुई तो जेडीयू ने कहा था कि वहां पर रात में सरकार नहीं बननी चाहिए थी. जिस दल के पास बहुमत है उसे सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए था. इसी तरह से आरपीआई के रामदास आठवले भी सरकार गठन के दौरान लगातार शिवसेना के साथ संपर्कमें थे. हालांकि वह भाजपा नीत सरकार बनाने के लिए मध्यस्तता कर रहे थे लेकिन कहा जाता है कि उनकी शिवसेना के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने यह माना था कि बहुमत की सरकार बननी चाहिए. जिससे आघाड़ी को लगता है कि रामदास आठवले को भी देर-सवेर आघाड़ी का हिस्सा बनाया जा सकता है.

इसके अलावा उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी आघाड़ी को अपना भविष्य उज्जवल नजर आ रहा है. उसे उम्मीद है कि उत्तरप्रदेश में सरकार की सहयोगी अपना दल के अलावा बसपा, सपा और लोकदल उसके साथ आ सकते हैं. राज्य में पहले भी कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन रहा है. हालांकि राज्य चुनाव के बाद दोनों के बीच दूरी बन गई थी. लेकिन जिस तरह से महाराष्ट्र में शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है, उसे देखते हुए आघाड़ी नेताओं को लगता है कि अगर शरद पवार मध्यस्तता करें तो उत्तरप्रदेश में सपा, बसपा, लोकदल भी केंद्र विरोधी मोर्चा में शामिल हो सकता है.

जेडीयू नेता ने जुड़ने से नहीं किया इनकार

बिहार जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारी पार्टी सच के साथ रहती है. जब महाराष्ट्र में बहुमत को अनदेखा किया गया तो हमनें सच बोलने का कार्य किया. यह एनडीए या फड़नवीस सरकार का विरोध नहीं था. यह सच का साथ था. जहां तक आघाड़ी से संपर्क की बात है तो शरद पवार लंबे समय से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जानते हैं. अगर उनकी ओर से कोई पहल होती है तो मुलाकात हो सकती है. लेकिन उसके आगे की रणनीति नीतीश कुमार ही तय करेंगे. हमें यह देखना है कि बिहार का हित क्या है. हम केवल विरोध के लिए विरोध के पक्षधर नहीं हैं.

टॅग्स :शरद पवारराष्ट्रीय रक्षा अकादमीपश्चिम बंगालउत्तर प्रदेशभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
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