लाइव न्यूज़ :

नवाब मलिक का दावा: NCP के 53 विधायक एकजुट, कहा-अपनी किरकिरी कराने से पहले अजित पवार दें डिप्टी CM पद से इस्तीफा

By स्वाति सिंह | Updated: November 25, 2019 10:16 IST

एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के नेता राजभवन जाएंगे। इसके साथ ही नेता राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौपेंगे।

Open in App
ठळक मुद्देनवाब मलिक ने दावा किया है कि उनके पास 165 विधायकों का समर्थन है।मालिक ने कहा 'हमारी के पार्टी के 52 विधायक हमारे पास वापस आ गए हैं

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता नवाब मलिक ने दावा किया है कि उनके पास 165 विधायकों का समर्थन है। मालिक ने कहा 'हमारी के पार्टी के 52 विधायक हमारे पास वापस आ गए हैं, एक और हमारे संपर्क में है। उन्होंने आगे कहा 'देवेंद्र फड़नवीस को महसूस करना चाहिए कि उनके पास बहुमत नहीं है। उन्हें एहसास होना चाहिए कि उन्होंने गलती की है। यदि वह इस्तीफा नहीं देते हैं तो हम निश्चित रूप से सरकार को सदन में हराएँगे।

वहीं, पार्टी प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि अजित के सामने शिवसेना को समर्थन देने व सरकार बनाने की बात हुई थी। लेकिन, इसके बावजूद उन्होंने यदि बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया है तो यह उनका निजी फैसला है।

उधर, एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के नेता राजभवन जाएंगे। इसके साथ ही नेता राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौपेंगे। बता दें कि बीजेपी और शिवसेना ने पिछले महीने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़े और दोनों ने क्रमश: 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं,  सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार ने रविवार को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रपति शासन हटाने की महाराष्ट्र के राज्यपाल की अनुशंसा और देवेन्द्र फड़नवीस को सरकार बनाने का निमंत्रण देने वाले पत्र सोमवार को पेश करे। 

पीठ ने सोलीसीटर जनरल तुषार मेहता के आग्रह को खारिज कर दिया जिन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पत्र को पेश करने के लिए दो दिनों का वक्त मांगा और उनसे कहा कि सोमवार सुबह साढ़े दस बजे पत्र पेश करें जब मामले पर फिर सुनवाई होगी। 

छुट्टी के दिन विशेष सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की याचिका पर नोटिस जारी किए। गठबंधन ने फड़नवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल के निर्णय के विरोध में याचिका दायर की थीं। न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने फड़नवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को भी नोटिस जारी किए।  

बहरहाल, शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर भाजपा के साथ अपना तीन दशक पुराना संबंध तोड़ लिया था। कांग्रेस और राकांपा को विधानसभा चुनावों में क्रमश: 44 और 54 सीटें हासिल हुई थीं।

टॅग्स :महाराष्ट्रमहाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टीकांग्रेसशिव सेनादेवेंद्र फड़नवीस
Open in App

संबंधित खबरें

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतMCD Bypoll Results 2025: दिल्ली के सभी 12 वार्डों के रिजल्ट अनाउंस, 7 पर बीजेपी, 3 पर AAP, कांग्रेस ने 1 वार्ड जीता

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट