एकनाथ शिंदे के करीबी सूत्र का दावा, 13 नहीं 25 विधायक हैं हमारे पास, सूरत के होटल में सब मौजूद हैं, गुजरात पुलिस दे रही है सुरक्षा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 21, 2022 11:15 IST2022-06-21T11:05:07+5:302022-06-21T11:15:24+5:30
महाराष्ट्र में सियासी उठापटक का दौर एक बार फिर शुरू होता नजर आ रहा है। शिवसेना के अंदर बगावत ने महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार को खतरे में ला दिया है।

एकनाथ शिंदे के बागी होने से महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट! (फाइल फोटो)
मुम्बई: महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के भविष्य पर लगा प्रश्नचिह्न और गम्भीर होता जा रहा है। ताजा जानकारी के अनुसार शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के साथ 25 विधायक गुजरात जा चुके हैं। इनमें शिवसेना के कम से कम 13 विधायक शामिल हैं जबकि अन्य निर्दलीय और कुछ छोटी पार्टियों से विधायक हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार शिवसेना विधायकों का शिवसेना आलाकमान से संवाद-सम्पर्क टूट चुका है।
इससे पहले मीडिया रपट में दावा किया गया था कि 12-13 विधायक ही एकनाथ शिंदे के साथ गुजरात गये हैं और वो 'नॉट-रीचेबल' हो चुके हैं।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एकनाथ शिंदे सोमवार रात नौ बजे के करीब सूरत के एक होटल में सभी विधायकों से साथ पहुंचे थे। सूरत के होटल में दोपहर दो बजे के करीब ही महाराष्ट्र के विधायक आने शुरू हो गये थे। जिस इलाके में वह होटल है उसमें भारी मात्रा में पुलिसबल तैनात किए जाने की भी खबर है। गुजरात में अभी भाजपा की सरकार है।
एकनाथ शिंदे के साथ सूरत पहुँचने वाले विधायकों में रमेश बोर्नारे, अब्दुल सत्तार, संजय शिरसत, उदय सिंह राजपूत, संदीपन भुमारे और प्रदीप जायसवाल शामिल हैं। उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री शंभूराज देसाई, संदीपन भुमारे और अब्दुल सत्तार इस समय 'नॉट रीचेबल' हैं। मीडिया रपट में दावा किया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे मंगलवार दोपहर प्रेसवार्ता करके अपनी और अपने समर्थक विधायकों की स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए कम से कम 145 विधायकों का समर्थन होना चाहिए। मौजूदा समय में महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के पास 106, शिवसेना के 56, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। अन्य सीटें छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गयी थीं।
अक्टूबर-2019 में चुनाव के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने 'महाविकास अगाड़ी संघ' बनाकर साझा सरकार बनायी थी। गठबंधन के मुख्यमंत्री क तौर पर उद्धव ठाकरे सरकार ने नवम्बर 2019 में विधानसभा में 169 विधायकों का समर्थन हासिल किया था। यानी उद्धव ठाकरे के पास न्यूनतम बहुमत से 25 विधायक ज्यादा थे।