महाराष्ट्र: रामदास कदम ने शरद पवार पर लगाया शिवसेना को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 19, 2022 08:02 PM2022-07-19T20:02:43+5:302022-07-19T20:08:00+5:30
शिंदे गुट के नेता रामदास कदम ने कहा कि जब शरद पवार द्वारा पार्टी को नुकसान पहुंचाने का मामला सामने आया तो शिवसेनाके कुछ विधायकों ने उद्धव ठाकरे से बात की लेकिन वो पवार पाश में ऐसे बंधे थे कि महाविकास अघाड़ी से अलग होने को तैयार नहीं थे।
मुंबई: शिवसेना से इस्तीफा देने रामदास कदम ने मंगलवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वो शिवसेना को खत्म करने की साजिश रच रहे हैं। इतना ही नहीं रामदास कदम ने कहा कि उन्होंने इस बात का सबूत भी पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को दिया था लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया।
शिंदे गुट के नेता रामदास कदम ने एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि जब शरद पवार का मामला सामने आया था तो शिवसेनाके कुछ विधायकों ने इस मामले में उद्धव ठाकरे से बात की लेकिन वो पवार पाश में ऐसे बंधे थे कि महाविकास अघाड़ी से अलग होने को तैयार नहीं थे।
इसके साथ ही कदम ने कहा, “हम तो आभारी हैं एकनाथ शिंदे के, जिन्होंने महाविकास अघाड़ी के पहले ढाई साल में ही बगावत कर दी, नहीं तो अगर पांच साल बीत जाता तो अगले विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 5 विधायक भी चुनाव नहीं जीत पाते।”
उन्होंने कहा, “मैंने खुद उद्धव जी को पर्याप्त सबूत दिए थे कि किस तरह से शरद पवार पार्टी को तोड़ने का काम कर रहे हैं।” कदम का दावा है कि शरद पवार ने अपने लोगों को अच्छे पद दिए और उन्हें पैसों से भी मजबूत किया।
कदम ने उद्धव ठाकरे को घेरते हुए कहा, “महाविकास अघाड़ी गठबंधन में मुख्यमंत्री हमारे थे लेकिन सरकारी खजाने के धन हमें नहीं मिलता था। हमारी पार्टी को शरद पवार ने धीरे-धीरे कमजोर किया। केवल मैंने नहीं बल्कि कई विधायकों ने उद्धव ठाकरे के सामने चिंता व्यक्त की, लेकिन वो तो पवार को किसी कीमत पर छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे।” .
उद्धव ठाकरे से सवाल करते हुए रामदास कदम ने पूछा, "क्या अगर आज शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे जीवित होते, तो क्या वो उन्हें एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने देते।"
कदम ने दावा किया कि उन्होंने साल 2019 में ही महाविकास अघाड़ी की सरकार बनने से पहले उद्धव ठाकरे को चेताया था कि इसके परिणाम बहुत घातक होंगे। उन्होंने कहा, “मैंने उद्धव जी से महाविकास अघाड़ी गठबंधन बनाने के वक्त ही कह दिया था कि आपके लिए यह पाप करने जैसा होगा। इससे बालासाहेब ठाकरे की आत्मा को सभी शांति नहीं मिलेगी।”
रामदास कदम ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे जब तक रहे कांग्रेस और एनसीपी के सामने अपने हिंदुत्व के एजेंडे पर अडिग रहे। उन्होंने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से अपील की कि वो पार्टी में हुई बगावत के बारे में ठंडे दिमाग से सोचें। उन्होंने कहा, “उद्धव जी गंभीरता से सोचें कि पार्टी का भविष्य किस तरफ है और एकनाथ शिंदे को पार्टी में कैसे वापस लाना है।”
वहीं रामदास कदम द्वारा शरद पवार का नाम लेने से तिलमिलाई एनसीपी ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कदम के आरोप झूठे और बुनियाद हैं। एनसीपी प्रवक्ता महेश तापसे ने कदम के बयान की निंदा करते हुए कहा कि शिवसेना को तोड़ने की साजिश भाजपा ने रची और कदम एनसीपी प्रमुख का नाम लेकर मुद्दे से ध्यान को भटकाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि शरद पवार की पहल पर महाविकास अघाड़ी का गठन हुआ और शिवसेना में विद्रोह के बावजूद उन्होंने उद्धव ठाकरे का साथ नहीं छोड़ा और आज भी उनके साथ मजबूती से खड़े हैं।