महाराष्ट्र: अजित पवार से मिले प्रफुल्ल पटेल, कहा- हमारी बात समझ रहे हैं, जल्द लेंगे फैसला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 26, 2019 11:56 IST2019-11-26T11:56:16+5:302019-11-26T11:56:16+5:30
महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला किया है। कल (27 नवंबर) को शक्ति परीक्षण होगा

महाराष्ट्र: अजित पवार से मिले प्रफुल्ल पटेल, कहा- हमारी बात समझ रहे हैं, जल्द लेंगे फैसला
महाराष्ट्र संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ देर बाद राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल ने अजित पवार से मुलाकात हुई। एक टीवी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि अजित पवार हमारी बात समझ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अजित पटेल ने एनसीपी नेता छगन भुजबल और प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात किया है। प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि वो कुछ ही देर बाद फैसला लेंगे।
इसके बाद अजित पवार देवेंद्र फड़नवीस से मिलने उनके आवास पर पहुंचे।
Mumbai: Deputy Chief Minister Ajit Pawar arrives at the residence of Chief Minister Devendra Fadnavis. #Maharashtrapic.twitter.com/fWv5AfSx54
— ANI (@ANI) November 26, 2019
महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला किया है। कल (27 नवंबर) को शक्ति परीक्षण होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि शक्ति परीक्षण में कोई गुप्त मतदान नहीं होगा। वहीं, कोर्ट के फैसले पर एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि अब बीजेपी का खेल खत्म हो जाएगा।
कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट का टीवी पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, कल शाम पांच बजे तक विधायकों का शपथ ग्रहण होगा।
फैसले बड़ी बात यह है कि फ्लोर टेस्ट के लिए स्पीकर का चुनाव नहीं होगा। कोर्ट ने आदेश दिया है कि प्रोटेम स्पीकर ही शक्ति परीक्षण कराएगा। विधायकों के शपथ ग्रहण के तुरंत बार बहुमत साबिक करने के लिए सदन में शक्ति परीक्षण होगा।
बता दें कि महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियों को उम्मीद थी कि शीर्ष अदालत का फैसला उनके हक में आएगा। इसके पीछे कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के पांच अहम फैसलों को आधार माना था। कांग्रेस ने दावा किया था कि यह एकदम संभव है कि शीर्ष अदालत 24 घंटे में शक्ति परीक्षण कराए जाने का आदेश सुनाए।
शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन ने विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंकाओं के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट से जल्द से जल्द बहुमत परीक्षण कराए जाने को लेकर मांग की थी।