मुंबईः महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, एनसीपी (शरद पवार) सांसद सुप्रिया सुले और शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने निर्वाचन आयोग पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इस बीच महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या राज्य की कुल आबादी से अधिक होने के राहुल गांधी के आरोप पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि सभी तथ्यों के साथ लिखित जवाब दिया जाएगा। राहुल गांधी के आरोपों पर महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि आयोग ने स्पष्ट रूप से सभी सवालों का जवाब दिया है। राहुल गांधी कवर फायर कर रहे हैं।
उन्हें पता है कि 8 फरवरी को दिल्ली चुनाव नतीजों के बाद उनकी पार्टी कांग्रेस दिल्ली में कहीं नहीं रहेगी और इसलिए वह उस दिन क्या बोलेंगे, कैसे एक नया नैरेटिव गढ़ेंगे, वह उसी के लिए अभ्यास कर रहे हैं। अगर राहुल गांधी आत्मनिरीक्षण नहीं करते हैं और झूठ के साथ खुद को सांत्वना देते रहेंगे। तो उनकी पार्टी का पुनरुद्धार संभव नहीं है। राहुल गांधी को अपनी हार का आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने राज्य की मतदाता सूची में अनियमितताओं से संबंधित कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का आरोप शुक्रवार को खारिज कर दिया और कहा कि उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की आसन्न हार को देखते हुए यह दावा किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता फडणवीस ने नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी को आत्मचिंतन करने की जरूरत है, अन्यथा कांग्रेस का पुनरुद्धार नहीं हो पाएगा।
तीन विपक्षी दलों द्वारा महाराष्ट्र की मतदाता सूची में अनियमितताओं का आरोप लगाए जाने के तुरंत बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, "दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी हार को भांपकर राहुल गांधी ये दावे कर रहे हैं।’’ दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पांच फरवरी को मतदान हुआ था और मतगणना आठ फरवरी (शनिवार) को होगी।
कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों शिवसेना (उबाठा) और राकांपा (एसपी) ने महाराष्ट्र की मतदाता सूची में अनियमितताओं का शुक्रवार को आरोप लगाया और दावा किया कि राज्य में 2024 में छह महीने के अंतराल पर हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच कुल 39 लाख मतदाता जोड़े गए।
महाराष्ट्र के मतदाताओं का डेटा उपलब्ध नहीं कराने का मतलब है कि कुछ गलत है: राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि बार-बार मांग के बावजूद निर्वाचन आयोग की ओर से महाराष्ट्र के मतदाताओं के डेटा उपलब्ध नहीं कराने से लगता है कि कुछ न कुछ गलत है। नेता प्रतिपक्ष (लोकसभा में) ने शिवसेना (उबाठा) के नेता संजय राउत और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग को पारदर्शिता लानी चाहिए, महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों से जुड़ी पूरे राज्य की मतदाता सूची उपलब्ध कराना उसकी जिम्मेदारी है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या यहां की वयस्क आबादी से ज्यादा है। राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उस पूरे विपक्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसने महाराष्ट्र में पिछला चुनाव लड़ा था। हम भारत के लोगों के ध्यान में महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में सामने आई कुछ महत्वपूर्ण जानकारी लाना चाहते हैं।
हमारी टीम ने मतदाता सूची और मतदान पैटर्न का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया है और हम कुछ समय से इस पर काम कर रहे हैं। दुर्भाग्य से हमें कई अनियमितताएं मिलीं।’’ उन्होंने कहा कि देश के लिए, विशेषकर युवा लोगों के लिए जो लोकतंत्र के पक्षधर हैं और उसमें विश्वास करते हैं, इन निष्कर्षों से अवगत होना और समझना आवश्यक है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि पिछले साल लोकसभा चुनाव और फिर पांच महीने बाद हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच की अवधि में राज्य में हिमाचल प्रदेश की आबादी के बराबर की संख्या में मतदाता बढ़ गए।’’ उनके अनुसार, लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में पांच महीनों में 39 लाख मतदाता जुड़े, जबकि पिछले पांच वर्षों में 32 लाख मतदाता जुड़े थे।
उन्होंने सवाल किए कि ये मतदाता कहां से आए हैं और ये कौन हैं? राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हम आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन विपक्ष के बार-बार मांग के बावजूद निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र में मतदाताओं का डेटा उपलब्ध नहीं करा रहा है। इससे पता चलता है कि कुछ गलत हुआ है।’’ उन्होंने दावा किया कि बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं और इनमें अधिकतर मतदाता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों के हैं।