महाराष्ट्र में एक महीने से अधिक समय से छिड़ा है सियासी संग्राम, जानिए अबतक क्या-क्या हुआ
By भाषा | Published: November 26, 2019 12:54 PM2019-11-26T12:54:39+5:302019-11-26T12:54:39+5:30
महाराष्ट्रः चुनाव परिणाम घोषित। भाजपा को 105 सीटें मिली, शिवसेना, राकांपा एवं कांग्रेस को क्रमश: 56, 54 एवं 44 सीटें मिली। राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने का संकेत देने के लिये आमंत्रित किया था और कहा था कि उनके पास अपना बहुमत सिद्ध करने के लिये 48 घंटे का वक्त है।
महाराष्ट्र में गत शनिवार को भाजपा के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजित पवार के साथ मिल सरकार गठन के बाद कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना गठबंधन द्वारा राज्यपाल के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल को निर्देश दिया कि वह 27 नवंबर को राज्य विधानसभा में शक्ति परीक्षण सुनिश्चित करें। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बुधवार को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। शीर्ष अदालत ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को निर्देश दिया कि वह यह भी सुनिश्चित करें कि सदन के सभी निर्वाचित सदस्य बुधवार को ही शपथ ग्रहण करें। वहीं, शीर्ष अदालत का अंतरिम आदेश आने तक का राजनीतिक घटनाक्रम इस प्रकार हैं...
21 अक्टूबर: महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान हुआ।
24 अक्टूबर: चुनाव परिणाम घोषित। भाजपा को 105 सीटें मिली, शिवसेना, राकांपा एवं कांग्रेस को क्रमश: 56, 54 एवं 44 सीटें मिली।
नौ नवम्बरः राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने का संकेत देने के लिये आमंत्रित किया और कहा कि उनके पास अपना बहुमत सिद्ध करने के लिये 48 घंटे का वक्त है।
10 नवम्बर: भाजपा ने सरकार गठन में असमर्थता जाहिर की। 10 नवम्बर : राज्यपाल ने शिवसेना से जानना चाहा कि क्या वह सरकार बनाने की इच्छुक है और उसे बहुमत साबित करने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया।
11 नवम्बर: शिवसेना ने यह कहते हुए सरकार बनाने का दावा किया कि उनके पास बहुमत का समर्थन है। शिवसेना ने समर्थन पत्र देने के लिए तीन दिन का समय देने का आग्रह किया।
11 नवम्बर: राज्यपाल ने तीन दिन का समय देने से इंकार कर दिया और शिवसेना के सरकार गठन के दावे को खारिज कर दिया। राज्यपाल ने राकांपा को सरकार बनाने के लिए अपनी इच्छा और क्षमता व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया।
12 नवम्बर: पर्याप्त समर्थन के साथ शिवसेना के सरकार बनाने के दावे को खारिज करने के राज्यपाल के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी।
12 नवम्बर: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा।
13 नवम्बर: शिवसेना ने उच्चतम न्यायालय में राज्यपाल के फैसले को चुनौती देने वाली अपनी याचिका का उल्लेख नहीं किया।
22 नवम्बर: चुनाव के बाद कांग्रेस, राकांपा एवं शिवसेना नीत ‘महाराष्ट्र विकास अघाडी’ में मुख्यमंत्री के पद के लिए उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बनी।
23 नवम्बर: शनिवार को सुबह पांच बजकर 47 मिनट पर राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाया गया। फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर और अजित पवार ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
23 नवम्बर: गठबंधन ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर इस पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया। न्यायालय की रजिस्ट्री ने मामले की सुनवाई के लिए रविवार का दिन तय किया।
24 नवम्बर: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी करते हुए रविवार को सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश करने वाली चिठ्ठी सोमवार सुबह तक पेश करने का निर्देश दिया।
25 नवम्बर: उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के शक्ति प्रदर्शन के मामले पर मंगलवार सुबह साढ़े 10 बजे आदेश सुनाएगा।
26 नवम्बर: उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के राज्यपाल से कहा कि वह सुनिश्चित करें कि 27 नवम्बर को शाम पांच बजे तक शक्ति प्रदर्शन हो और पूरी प्रकिया का सीधा प्रसारण किया जाए।