लाइव न्यूज़ :

Maharashtra Politics News: लोकसभा और विधानसभा के बाद मुंबई, पुणे और ठाणे समेत नगर निकाय चुनाव?, एमवीए और महायुति दलों के बीच उलटफेर की संभावना, क्या है गणित

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 16, 2025 18:08 IST

Maharashtra Politics News: भाजपा और शिवसेना के अलावा अजीत पवार की अध्यक्षता वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) महायुति का तीसरा घटक है।

Open in App
ठळक मुद्देमुश्किल से तीन महीने भी नहीं बीते हैं कि दोनों गठबंधनों में मतभेद उभर आए हैं।महा विकास आघाड़ी और महायुति ने विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे का मुकाबला किया था।महायुति ने 288 में से 230 सीट जीतकर विजय हासिल की थी।

मुंबईः शरद पवार द्वारा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की प्रशंसा करने से लेकर शिवसेना (उबाठा) नेताओं की मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के साथ भेंट करने तक ऐसा लगता है कि राज्य की राजनीति विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) और सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के घटक दलों के बीच उलटफेर की ओर बढ़ती दिख रही है। महा विकास आघाड़ी और महायुति ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में डटकर एक-दूसरे का मुकाबला किया था। लेकिन मुश्किल से तीन महीने भी नहीं बीते हैं कि दोनों गठबंधनों में मतभेद उभर आए हैं।

विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति ने 288 में से 230 सीट जीतकर विजय हासिल की थी। पिछले वर्ष लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बाद अब मुंबई, पुणे और ठाणे समेत नगर निकाय चुनाव भी बड़े दांव वाली लड़ाई होंगे, जिसके लिए राज्य में पार्टियां कमर कस रही हैं। हाल में शिवसेना (उबाठा) के नेताओं ने पिछले ढाई महीने में कम से कम तीन बार मुख्यमंत्री फडणवीस से भेंट की है।

मुख्यमंत्री से आदित्य ठाकरे ने दो बार, उद्धव ने एक बार मुलाकात की है, जबकि अन्य वरिष्ठ शिवसेना नेताओं ने भी फडणवीस से अलग से भेंट की है। इससे पहले ठाकरे की पार्टी के नेताओं ने फडणवीस की तीखी आलोचना की थी और उन पर शिंदे के जरिए 2022 में अविभाजित शिवसेना में विभाजन की साजिश रचने का आरोप लगाया था।

इस माह के प्रारंभ में फडणवीस ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे से भी मुलाकात की थी, जिससे भाजपा और मनसे के बीच गठबंधन की चर्चा तेज हो गई थी। राजनीतिक विश्लेषक अभय देशपांडे ने दावा किया कि दोनों गठबंधनों की पार्टियां खासकर स्थानीय निकाय चुनावों से पहले “दुश्मनों के साथ नजदीकियां” बढ़ा रही हैं क्योंकि स्थानीय चुनाव एक लघु विधानसभा चुनाव की तरह होगा। देशपांडे ने कहा, ‘‘वे सभी चीजों का आकलन कर रहे हैं। इस घटनाक्रम को हावभाव के रूप में देखा जाना चाहिए और इससे कुछ भी बड़ा होने की उम्मीद नहीं है।

वे अपने भागीदारों को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि सभी विकल्प खत्म नहीं हुए हैं।’’ विपक्ष सत्तारूढ़ महायुति में फडणवीस और शिवसेना प्रमुख शिंदे के बीच मनमुटाव का दावा करता है। फडणवीस और शिंदे की भूमिकाएं 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद बदल गयी हैं।पहले शिंदे मुख्यमंत्री थे और फडणवीस उपमुख्यमंत्री। लेकिन अब फडणवीस मुख्यमंत्री हैं और शिंदे उपमुख्यमंत्री।

भाजपा और शिवसेना के अलावा, अजीत पवार की अध्यक्षता वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) महायुति का तीसरा घटक है। स्पष्ट नजर आ रहे विवाद का ताजा कारण प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति रही है। भाजपा के गिरीश महाजन और राकांपा नेता अदिति तटकरे को क्रमशः नासिक और रायगढ़ जिलों का प्रभारी मंत्री बनाया गया है।

इस सूची में शिवसेना के मंत्री दादाजी भुसे और भरत गोगावाले का नाम नहीं था। नासिक और रायगढ़ के लिए प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति पर बाद में रोक लगा दी गई, क्योंकि शिवसेना ने इस पर नाराजगी व्यक्त की थी। हालांकि कांग्रेस, राकांपा (एसपी) और शिवसेना (उबाठा) वाले एमवीए में भी समस्याएं कम नहीं हैं।

यह ऐसे समय में हुआ है जब एमवीए के नेता, खास तौर पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उबाठा) के कई नेता शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए हैं। बुधवार को शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने नयी दिल्ली में शिंदे को सम्मानित करने और मराठा योद्धा महादजी शिंदे के नाम पर स्थापित पुरस्कार से उन्हें सम्मानित करने के लिए राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार की आलोचना की।

पवार ने तो शिंदे की प्रशंसा भी की, जिससे नाराज शिवसेना (उबाठा) ने इसे एक “विश्वासघाती” को सम्मानित करने जैसा बताया। पवार द्वारा शिंदे को सम्मानित किए जाने के दो दिन बाद दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान, शिवसेना (उबाठा) नेता आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की।

जिन्हें राष्ट्रीय राजधानी में चुनावी हार का सामना करना पड़ा है। आदित्य ठाकरे ने राकांपा (एसपी) प्रमुख से भेंट नहीं की। शिवसेना (उबाठा) के कई नेताओं ने खुले तौर पर सुझाव दिया है कि पार्टी को अकेले ही अपनी राह तय करनी चाहिए।

टॅग्स :महाराष्ट्रएकनाथ शिंदेदेवेंद्र फड़नवीसअजित पवारराहुल गांधीउद्धव ठाकरेशरद पवार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतMaharashtra Civic Poll 2025 UPDATE: पूरे राज्य में मतगणना स्थगित, 21 दिसंबर को नए नतीजे की तारीख तय, सीएम फडणवीस ‘त्रुटिपूर्ण’ प्रक्रिया पर जताई नाराजगी

भारत अधिक खबरें

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत