Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना कभी हिंदुत्व से दूर नहीं रही और ना कभी रहेगी। अगर एकनाथ शिंदे आकर बोल दें तो मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार हूं। सब लोगों ने मेरा समर्थन किया, लेकिन अपने ही लोगों ने समर्थन नहीं किया।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर मेरे खिलाफ एक भी वोट विरोध में जाता है तो में मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार हूं। मेरी तबीयत खराब होने के चलते मैं लोगों से नहीं मिल रहा था लेकिन अब मैं लोगों से मिल रहा हूं। मैंने पहली कैबिनेट मीटिंग अस्पताल से की थी।
खबरें चल रही हैं कि शिवसेना के कुछ विधायक गायब हैं। आज सुबह कमल नाथ और शरद पावर का कॉल आया था और उन्होंने मुझपर विश्वास दिखाया है लेकिन मेरे लोग ही सवाल उठा रहे हैं तो मैं क्या करूँ? सूरत और दूसरी जगह जाने से अच्छा मेरे सामने आकर बोलते तो बेहतर था।
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह के कारण सरकार पर आए संकट पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि अगर बागी विधायक उनसे यह कहते हैं कि वह उन्हें (ठाकरे) मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते तो वह अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।
ठाकरे के आज ही कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने 17 मिनट लंबे वेबकास्ट में कहा कि अगर शिव सैनिकों को लगता है कि वह (ठाकरे) पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम नहीं हैं तो वह शिव सेना पार्टी के अध्यक्ष का पद भी छोड़ने के लिए तैयार हैं।
ठाकरे ने कहा, “सूरत और अन्य जगहों से बयान क्यों दे रहे हैं? मेरे सामने आकर मुझसे कह दें कि मैं मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष के पदों को संभालने में सक्षम नहीं हूं। मैं तत्काल इस्तीफा दे दूंगा। मैं अपना इस्तीफा तैयार रखूंगा और आप आकर उसे राजभवन ले जा सकते हैं।"
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर किसी शिव सैनिक को अपना उत्तराधिकारी देखकर उन्हें खुशी होगी। ठाकरे ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के सुझाव पर अपनी अनुभवहीनता के बावजूद मुख्यमंत्री का पद संभाला।