महाराष्ट्र: फड़नवीस के वीडियो टेप पर बोले शरद पवार, केंद्रीय एजेंसियों की मिलीभगत से रिलीज की गई रिकॉर्डिंग
By विशाल कुमार | Published: March 9, 2022 02:15 PM2022-03-09T14:15:58+5:302022-03-09T14:18:10+5:30
पवार ने कहा कि मैंने सुना है कि रिकॉर्डिंग 135 घंटे की है। अगर यह सच है, तो आपको इस कृत्य को करने के लिए शक्तिशाली एजेंसियों के समर्थन की आवश्यकता है। इन रिकॉर्डिंग के लिए ऐसी एजेंसियों के इस्तेमाल होने की संभावना है।
मुंबई: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस द्वारा जारी वीडियो रिकॉर्डिंग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इन टेपों की रिकॉर्डिंग में केंद्रीय एजेंसियों के शामिल होने का संकेत दिया।
पवार ने कहा कि मैंने सुना है कि रिकॉर्डिंग 135 घंटे की है। अगर यह सच है, तो आपको इस कृत्य को करने के लिए शक्तिशाली एजेंसियों के समर्थन की आवश्यकता है। इन रिकॉर्डिंग के लिए ऐसी एजेंसियों के इस्तेमाल होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि ऐसी एजेंसियां केवल केंद्र सरकार के पास उपलब्ध हैं। वे राज्य सरकार के एक कार्यालय में घुसने में कामयाब रही हैं और इन छिपी हुई रिकॉर्डिंग को घंटों तक (अपने साथ) ले गई हैं। मुझे विश्वास है कि राज्य सरकार इसकी जांच करेगी और टेप की सत्यता की भी जांच करेगी।
पवार ने दावा किया कि भाजपा द्वारा लगाए जा रहे आरोप एमवीए सरकार को अस्थिर करने में असमर्थ होने की निराशा से उपजे हैं, जिसने भाजपा को एमवीए नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया है।
महाराष्ट्र के विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के सामने कथित तौर पर 125 घंटे की वीडियो रिकॉर्डिंग पेश की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के नेताओं द्वारा राज्य में भाजपा नेताओं को झूठे मामले में फंसाने की साजिश का सबूत हैं।
फड़नवीस ने राज्य सरकार और विशेष सरकारी वकील पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री गिरीश महाजन को 'मकोका' के तहत फंसाने के लिए विशेष सरकारी वकील ने साजिश रची थी और भाजपा के एक पूर्व नेता ने इसमें उनकी मदद की थी।