महाराष्ट्र: चुनाव में बहन को हराने वाले धनंजय मुंडे का पुणे का एक फ्लैट अटैच, बैंक का 70 लाख का कर्ज नहीं चुकाने का आरोप
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 28, 2019 07:40 PM2019-10-28T19:40:29+5:302019-10-28T19:46:26+5:30
धनंजय मुंडे ने अपना फ्लैट बैंक की ओर से अटैच किये जाने के बाद कहा, 'मैंने चुनाव से पहले बैंक के अधिकारियों से कहा था मैं चुनाव में व्यस्त हूं और चुनाव खत्म होने के बाद मैं इस बात को सुलझा सकूंगा।'
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और विधायक धनंजय मुंडे के पुणे के फ्लैट को 70 लाख का कर्ज नहीं चुकाने के बाद शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक की ओर से अटैच कर लिया गया है। धनंजय हाल में आये महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों में परली सीट से जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे।
एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने इस सीट पर बीजेपी की नेता और अपनी चचेरी बहन पंकजा मुंडे को 30,000 से अधिक वोटों से हराया था। पंकजा मुंडे, देवेंद्र फड़नवीस सरकार में भी मंत्री रही हैं।
बहरहाल, धनंजय ने अपना फ्लैट बैंक की ओर से अटैच किये जाने के बाद कहा, 'मैंने चुनाव से पहले बैंक के अधिकारियों से कहा था मैं चुनाव में व्यस्त हूं और चुनाव खत्म होने के बाद मैं इस बात को सुलझा सकूंगा। उन्होंने जो कदम उठाया है, उस पर मैं कर फैसला लूंगा कि अब आगे क्या करना है।'
Maharashtra: A flat of Nationalist Congress Party (NCP) leader Dhananjay Munde, in Pune, has been attached by Shivajirao Bhosale Sahakari Bank for non-payment of a loan of Rs 70 Lakhs. pic.twitter.com/AA6XflCUS6
— ANI (@ANI) October 28, 2019
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में हाल में चुनाव से पहले पंजाब एंड महाराष्ट्र कॉअपरेटिव (पीएमसी) बैंक घोटाला काफी चर्चित रहा था। इस घोटाले में बैंक को 4,355 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ जिसका असर बैंक के ग्राहकों पर भी पड़ा और उन्हें बैंक से लेन-देन में कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है।
इस घोटाले में हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) प्रवर्तक राकेश वाधवन और उनके बेटे सारंग को गिरफ्तार किया जा चुका है। साथ ही बैंक के पूर्व निदेशक सुरजीत सिंह अरोड़ा भी हिरासत में हैं। यही नहीं, बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस भी हिरासत में हैं।
ऐसे आरोप हैं कि बैंक अधिकारियों ने एचडीआईएल के 44 ऋण खातों को 21,049 फर्जी खातों से बदला ताकि रियल एस्टेट समूह की ऋण भुगतान में असफलता को छिपाया जा सके। बैंक के मौजूदा संकट की यह प्रमुख वजह है। आरोप है कि इस घोटाले को अंजाम देने में अन्य आरोपियों के साथ मिलकर अरोड़ा ने अहम भूमिका निभाई। अरोड़ा को निदेशक मंडल में बैंक के कामकाज के बेहतर संचालन के लिए शामिल किया गया था, लेकिन उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया।