महाराष्ट्र : प्रकृति प्रेमियों ने सूखाग्रस्त लातूर में बंजर पर्वतीय क्षेत्र को हरे भरे वन में बदला

By भाषा | Updated: November 3, 2021 11:26 IST2021-11-03T11:26:59+5:302021-11-03T11:26:59+5:30

Maharashtra: Nature lovers convert barren mountainous region into lush green forest in drought-hit Latur | महाराष्ट्र : प्रकृति प्रेमियों ने सूखाग्रस्त लातूर में बंजर पर्वतीय क्षेत्र को हरे भरे वन में बदला

महाराष्ट्र : प्रकृति प्रेमियों ने सूखाग्रस्त लातूर में बंजर पर्वतीय क्षेत्र को हरे भरे वन में बदला

लातूर (महाराष्ट्र), तीन नवंबर प्रकृति प्रेमियों के एक समूह ने एक अनूठी पहल के तहत पिछले चार वर्षों में महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त लातूर जिले में एक बंजर पर्वतीय क्षेत्र में 30,000 से अधिक पेड़ लगाकर इसे हरे भरे जंगल में बदल दिया है।

क्षेत्र के तहसीलदार (राजस्व अधिकारी) डॉ शिवानंद बिडवे ने इस प्रयास की सराहना की और कहा कि स्थानीय प्रशासन इस अभियान को अपना समर्थन और सहयोग देगा। वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आने वाला पर्वतीय भाग लातूर जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर रामवाड़ी गांव के पास स्थित है।

प्रसिद्ध अभिनेता सयाजी शिंदे द्वारा संचालित एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘सह्याद्री देवराय’ के बैनर तले प्रकृति प्रेमियों ने 2018 से जिले की चाकुर तहसील के बालाघाट रेंज में बंजर पर्वतीय क्षेत्र की लगभग 25 हेक्टेयर भूमि पर पेड़ लगाए। एनजीओ के लातूर जिला समन्वयक सुपर्ण जगताप ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘शिंदे 2018 में लातूर में चाकुर तहसील के जरी (खुर्द) गांव में 400 साल पुराने एक विशालकाय बरगद के पेड़ को देखने और उस पेड़ के नीचे कार्यशाला आयोजित करने गए थे जिसके बाद में उन्होंने पर्यावरणविदों को इस मुद्दे को उठाने के लिए प्रेरित किया।’’

संगठन ने छात्रों, शिक्षकों, डॉक्टरों और किसानों सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया। वे हर हफ्ते उस जगह का दौरा करते थे, शारीरिक व्यायाम जैसी गतिविधियों में शामिल होते थे और पेड़ लगाते समय प्रासंगिक सामाजिक विषयों पर चर्चा करते थे। जगताप ने कहा कि उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र में बरगद, नीम और पीपल सहित लगभग 60 किस्मों के 35,000 से अधिक पेड़ लगाए और इनमें से लगभग 30,000 पेड़ बच गए और बड़े हो गए हैं।

जगताप ने कहा, ‘‘हमारा एक लाख पेड़ लगाने का अभियान है और बाद में इस क्षेत्र को अध्ययन केंद्र और सभी के लिए एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है।’’ संगठन के कार्यकर्ता भीम डुंगवे ने कहा, ‘‘अभिनेता सयाजी शिंदे ने लोगों को पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से इस आंदोलन की शुरुआत की। लोगों को पर्यावरण की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए और समाज में इसके बारे में जागरूकता पैदा करनी चाहिए।’’

स्थानीय पर्यावरणविद् और टीम के सदस्य शिवशंकर चापुले ने कहा कि कई क्षेत्रों में पेड़ों को काटने से पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों की आबादी में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि पहले पक्षी फसलों को नष्ट करने वाले हानिकारक कीड़ों को खाते थे। लेकिन अब पक्षियों की आबादी घटने से किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए कीटनाशकों और रसायनों का छिड़काव करते हैं जो बदले में इंसानों और उनके जीवन को प्रभावित करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने इस पर्वतीय क्षेत्र को वनाच्छादित क्षेत्र में बदलने और समाज में प्रकृति संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करने का फैसला किया है।’’ चाकुर के तहसीलदार बिडवे ने पर्वतीय क्षेत्र के 25 हेक्टेयर भाग में संस्था के वृक्षारोपण अभियान की सराहना की। बिडवे ने वृक्षारोपण अभियान के लिए जिलाधिकारी पृथ्वीराज बी. पी. की भी सराहना की।

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Web Title: Maharashtra: Nature lovers convert barren mountainous region into lush green forest in drought-hit Latur

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