Corona Crisis: 'जब समझ आ गया कि नीतीश कुमार कुछ नहीं करेंगे तो शुरू किया मजबूरी का सफर'

By गुणातीत ओझा | Updated: May 15, 2020 08:07 IST2020-05-15T08:07:39+5:302020-05-15T08:07:39+5:30

कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर देश भर में लागू लॉकडाउन के बीच मुंबई के हजारों ऑटो रिक्शा चालकों ने रोजी-रोटी के संकट के चलते अपने मूल निवास स्थानों को लौटने का सिलसिला तेज कर दिया है।

Maharashtra migrants said We waited for 2 months When we realised that Nitish Kumar won t do anything we decided to take up this journey | Corona Crisis: 'जब समझ आ गया कि नीतीश कुमार कुछ नहीं करेंगे तो शुरू किया मजबूरी का सफर'

लॉकडाउन के बाद महाराष्ट्र से लोगों के पलायन का दौर जारी।

Highlightsकोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर देश भर में लागू लॉकडाउन के बीच मुंबई के हजारों ऑटो रिक्शा चालकों ने रोजी-रोटी के संकट के चलते अपने मूल निवास स्थानों को लौटने का सिलसिला तेज कर दिया है।महाराष्ट्र में ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार के ही लोग हैं जो ऑटो रिक्शा और टैक्सी चलाकर अपना गुजारा कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद से उनकी कमाई पर भी ताला लग गया है।

लखनऊ। कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर देश भर में लागू लॉकडाउन के बीच मुंबई के हजारों ऑटो रिक्शा चालकों ने रोजी-रोटी के संकट के चलते अपने मूल निवास स्थानों को लौटने का सिलसिला तेज कर दिया है। इनमें से ज्यादातर तिपहिया वाहन चालक मुंबई से आगरा को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-तीन का इस्तेमाल करते हुए मध्यप्रदेश से होकर गुजर रहे हैं। लम्बी दूरी के इस मुश्किल सफर में लखनऊ भी मुंबई के ऑटो रिक्शा वालों के बड़े पलायन का गवाह बन रहा है। ऑटो-रिक्शा और टैक्सियों में सवार होकर लोग अपने-अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं। महाराष्ट्र में ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार के ही लोग हैं जो ऑटो रिक्शा और टैक्सी चलाकर अपना गुजारा कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद से उनकी कमाई पर भी ताला लग गया है।

पलायन की भीड़ में शामिल बिहार के मधुबनी में रहने वाले लोगों ने अपनी व्यथा सुनाई है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक ऑटो रिक्शा से मधुबनी जा रहे धनंजय कुमार ने कहा, "मैं मुंबई में एक फूड डिलिवरी एग्जीक्यूटिव के रूप में काम कर रहा था। हमने 2 महीने तक इंतजार किया। जब हमें महसूस हुआ कि नीतीश कुमार कुछ नहीं करेंगे तो हमने मजबूरी में इस कठिन सफर को चुना।"

महाराष्ट्र में ऑटो-रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पालने वाले युवक ने कहा, 'लॉकडाउन के दौरान काम ठप पड़ जाने के कारण मुंबई को छोड़ना पड़ा। पिछले ढाई महीने से बिना काम के हूँ। बिना पैसे के टिकना मुश्किल है। इसलिए, मैं परिवार के साथ रांची, झारखंड लौट रहा हूँ।"

एक लाख ऑटो में चार लाख से ज्यादा मजदूर घरों के लिए रवाना

लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई, पुणे, ठाणे, विरार, नवी मुंबई में लाखों प्रवासी मजदूर फंस गए हैं। सरकार द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन के बाद भी कुछ मजदूरों ने खुद ही घरों की तरफ जाने का निर्णय लिया है। ये मजदूर पैदल या अपने वाहनों से गृह राज्य जा रहे हैं। इन शहरों से एक लाख के करीब रिक्शा चालक अपने 200 सीसी की क्षमता वाले छोटे ऑटो को लेकर 1500 से 2000 किलोमीटर का सफर तय करने के लिए निकल चुके हैं। हर एक ऑटो में कम से कम चार प्रवासी सवार हैं। इनका कहना है कि लॉकडाउन लागू हुए दो महीने हो चुके हैं और अब इंतजार नहीं किया जा सकता है। इन लोगों ने बताया कि इनके पास खाने के पैसे खत्म हो रहे हैं और इस कारण इन्होंने ऑटो रिक्शा से ही घर जाने का निर्णय लिया है। ये ऑटो वाले ज्यादातर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के रहने वाले हैं। 

Web Title: Maharashtra migrants said We waited for 2 months When we realised that Nitish Kumar won t do anything we decided to take up this journey

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