महाराष्ट्र: विधानमंडल सचिव ने कहा- जयंत पाटिल को माना जाए NCP विधायक दल का नेता, अभी फैसला हुआ नहीं, स्पीकर तय करेंगे
By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: November 26, 2019 10:39 IST2019-11-26T10:18:44+5:302019-11-26T10:39:05+5:30
महाराष्ट्र विधानमंडल सचिव राजेंद्र भागवत ने कहा है कि विधानमंडल सचिवालय को एक पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें जयंत पाटिल को एनसीपी का विधायक दल का नेता बताया गया है लेकिन इस बारे में फैसला स्पीकर को करना है, जोकि अभी तक नहीं हुआ है।

महाराष्ट्र विधानमंडल सचिव राजेंद्र भागवत। (फोटो- एएनआई)
महाराष्ट्र के सियासी घमासान में एक पेंच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को लेकर भी अटका हुआ है। एक तरफ एनसीपी प्रमुख ने साफ किया है कि उनके विधायक दल के नेता जयंत पाटिल हैं, वहीं, महाराष्ट्र विधानमंडल सचिव राजेंद्र भागवत ने कहा है कि अभी इस बारे में स्पीकर ने फैसला नहीं किया है। महाराष्ट्र विधानमंडल सचिव राजेंद्र भागवत ने कहा, ''विधानमंडल सचिवालय को एक पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें जयंत पाटिल को एनसीपी का विधायक दल का नेता बताया गया है लेकिन इस बारे में फैसला स्पीकर को करना है, जोकि अभी तक नहीं हुआ है।''
बता दें कि ऐसी खबरें हैं कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने संविधान और कानून के कई विशेषज्ञों से बात की है और पहले के मामलों को भी खंगाला है।
#WATCH Rajendra Bhagwat, Maharashtra Legislature Secretary: The Legislature Secretariat has received a letter claiming that Jayant Patil is the Legislative Party Leader for NCP. But, decision has to be taken by the Speaker. As of today, decision has not been taken. pic.twitter.com/Hb2XZeZwNJ
— ANI (@ANI) November 26, 2019
व्हिप को लेकर कशमकश
एनसीपी की ओर से विधायकों को व्हिप कौन जारी करेगा, इसे लेकर कशमकश बनी हुई है। जयंत पाटिल और अजित पवार में से किसी को भी मौका मिल सकता है। खबरों के मुताबिक, शरद पवार ने कहा है कि अजित पवार बतौर एनसीपी विधायक दल के नेता विधायकों को व्हिप जारी करेंगे, यह सूचना गलत है जोकि फैलाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि अजित पवार को एनसीपी के विधायक दल के नेता पद से हटाया जा चुका है और अब उनके पास विधायकों को व्हिप जारी करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।
जानकारों का मानना है कि अजित पवार को भले ही एनसीपी ने विधायक दल के नेता पद से हटा दिया हो लेकिन दो वजहों से व्हिप जारी करने का अधिकार अब भी उनके पास है। एक वह अब भी एनसीपी के नेता हैं और दूसरा कारण है कि शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी वाले गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट को औपचारिक तौर पर अपने नेता के बारे में नहीं बताया है।
नियम के अनुसार कांग्रेस का प्रोटेम स्पीकर चुने जाने का मौका
नियम के अनुसार विधानसभा में सबसे वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। वर्तमान में कांग्रेस के बाला साहब थोराट सबसे वरिष्ठ विधायक हैं। अगर महाविकास अघाडी गठबंधन की मांग मानी गई तो प्रोटेम स्पीकर का फैसला उनके हक में जा सकता है।