हरियाणा, महाराष्ट्र में आम आदमी पार्टी का हाल हुआ बुरा, नोटा से भी कम पसंद आए 'अरविंद केजरीवाल'
By भाषा | Updated: October 24, 2019 21:42 IST2019-10-24T21:41:18+5:302019-10-24T21:42:06+5:30
चुनाव आयोग के अनुसार अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी के उम्मीदवार अपनी सीटों पर 1,000 मत भी हासिल नहीं कर सके हैं और उनकी जमानत जब्त होना तय है।

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आम आदमी पार्टी (आप) को महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में लोगों ने नोटा से भी कम पसंद किया। दोनों राज्यों में पार्टी ने 70 सीटों पर प्रत्याशी उतारे। आप ने हरियाणा विधानसभा की 70 सीटों में से 46 पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जबकि महाराष्ट्र में 24 सीटों पर उसने उम्मीदवार खड़े किए थे।
चुनाव आयोग के अनुसार अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी के उम्मीदवार अपनी सीटों पर 1,000 मत भी हासिल नहीं कर सके हैं और उनकी जमानत जब्त होना तय है। चुनाव आयोग के अनुसार हरियाणा में आप को 0.48 फीसदी मत हासिल हुए जबकि नोटा (इनमें से कोई नहीं) का मत प्रतिशत 0.53 रहा।
महाराष्ट्र में आप को 0.11 फीसदी मत हासिल हुए जबकि नोटा को 1.37 फीसदी लोगों ने पसंद किया। आप ने अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव में हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन किया था लेकिन जबरदस्त हार के बाद इस बार विधानसभा चुनाव मैदान में पार्टी अकेली ही उतरी।
दुष्यंत चौटाला नीत जेजेपी ने हरियाणा में विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीती हैं और वह राज्य में किंगमेकर की भूमिका में है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा में चुनाव प्रचार नहीं किया था लेकिन महाराष्ट्र में उन्होंने ब्रह्मपुरी सीट पर आप उम्मीदवार पारोमिता गोस्वामी के लिए एक रैली की थी। गोस्वामी को 3,555 वोट मिले हैं।