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महाराष्ट्र: सोनिया गांधी की शर्त के आगे झुकी शिवसेना, यहां समझें पूरा समीकरण

By शीलेष शर्मा | Updated: November 12, 2019 05:17 IST

महाराष्ट्र: राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 105 सदस्यों के बाद 56 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के पास सरकार बनाने का दावा करने के लिए सोमवार शाम साढ़े सात बजे तक का समय था.लेकिन वह दावा पेश नहीं कर पाई। जिसके बाद राज्यपाल ने एनसीपी को मौका दिया है।

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ठळक मुद्देराज्यपाल ने तीन दिन की और मोहलत देने के शिवसेना के अनुरोध को ठुकरा दिया।

महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर आखिरकार शिवसेना को सोनिया गांधी की शर्त के आगे झुकना पड़ा जिसके तहत मोदी सरकार में एक मात्र शिवसेना मंत्री अरविंद सांवत ने आज मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देकर शिवसेना और एनडीए के बीच रिश्ते को तोड़ दिया.

गौरतलब है कि चार नंवबर को जब राकांपा के नेता शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा हुई उस समय सोनिया गांधी ने पवार को स्पष्ट कहा कि जब तक शिवसेना भाजपा और राजग से अपने आप को पूरी तरह अलग नहीं कर लेती तब तक कांग्रेस शिवसेना को किसी भी रुप में सहयोग देने के लिए तैयार नहीं है.

सूत्र बताते हैं कि शरद पवार ने सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद मुंबई के लिए कूच किया और मुंबई पहुंचकर उन्होंने सोनिया गांधी की शर्त शिवसेना के नेता संजय राऊत के सामने रख दी.

कांग्रेस की यह पहली शर्त थी कि जब तक शिवसेना रिश्ता नहीं तोड़ लेती तब तक कांग्रेस का कोई फैसला लेना तो दूर उस पर विचार भी नहीं करेगी. कांग्रेस इसलिए हर मौके पर दोहराती रही कि कांग्रेस ‘देखो और प्रतीक्षा’ करो की रणनीति अपना रही है क्योंकि उसे इंतजार था कि शिवसेना जब राजग और भाजपा से रिश्ता तोड़ेगी उसके बाद ही कोई फैसला होगा.

आज सुबह जब शिवसेना के मोदी सरकार में शामिल मंत्री अरविंद सावंत ने इस्तीफे का ऐलान किया तब कांग्रेस ने  शरद पवार को यह संदेश भिजवा दिया कि कांग्रेस समर्थन तो करेगी लेकिन इन पर फैसला बाद में लेगी कि वह अंदर सरकार में रहकर समर्थन करेगी अथवा बाहर से.

इस बीच शिवसेना के नेताओं ने कांग्रेस के बड़े नेता अहमद पटेल से मुलाकात की. जो नेता मिलने पहुंचे. उनमें अरविंद सावंत, मिलिंद नार्वेकर तथा अनिल देसाई शमिल थे इन तीनों नेताओं ने अहमद पटेल को आश्वस्त किया कि शिवसेना पूरी तरह भाजपा और राजग से अलग हो चुकी है और उन्हें अब कांग्रेस के समर्थन की दरकार है. अहमद पटेल ने तत्काल सोनिया गांधी को इन तथ्यों से अवगत कराया. 

सोनिया ने शिवसेना से राज्यपाल से ओर समय मांगने को कहा

कांग्रेस ने शिवसेना से कहा है कि वह सरकार के गठन को लेकर राज्यपाल से ओर अधिक समय मांगे. क्योंकि कांग्रेस अभी समर्थन देने के मुद्दे पर ओर मंथन करना चाहती है. कार्यसमिति की बैठक और उसके बाद महाराष्ट्र के कांग्रेसी नेताओं से चर्चा के दौरान सोनिया गांधी ने शरद पवार से फोन पर बातचीत की. इसी बातचीत में सोनिया ने पवार को आग्रह किया कि वह कांग्रेस के इस विचार को शिवसेना तक पहुंचा दे.

इसी बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोनिया गांधी से फोन पर बात कर समर्थन देने का आग्रह किया. जिसके जवाब में सोनिया ने छोटा सा उत्तर दिया, हमारे फैसले का इंतजार करें.

शिवसेना ने सोमवार को दावा किया था कि महाराष्ट्र में भाजपा के बिना उसकी सरकार का समर्थन करने के लिए राकांपा और कांग्रेस ‘सैद्धांतिक समर्थन’ देने पर सहमत हो गयी हैं लेकिन वह राज्यपाल द्वारा तय समयसीमा के पहले इन दलों से समर्थन पत्र नहीं ले सकी. राज्यपाल ने तीन दिन की और मोहलत देने के शिवसेना के अनुरोध को ठुकरा दिया। सरकार गठन के लिए गतिरोध 18वें दिन भी जारी रहा और राष्ट्रपति शासन के आसार बढ़ रहे हैं.

राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 105 सदस्यों के बाद 56 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के पास सरकार बनाने का दावा करने के लिए सोमवार शाम साढ़े सात बजे तक का समय था.

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