मुंबई: एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र की कमान संभाल ली है। यही नहीं, शिंदे ने सोमवार को सदन में महत्वपूर्ण शक्ति परीक्षण में जीत हासिल कर ली। 288 सदस्यीय सदन में 164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि 99 विधायकों ने इसके खिलाफ मतदान किया। इस बीच एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच जारी मतभेद चर्चा में है। ऐसे में शिंदे का महा अघाड़ी विकास (एमवीए) को लेकर बयान सामने आया है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमने (उद्धव ठाकरे के साथ) कई बार चर्चा की कि हमें महा विकास अघाड़ी से कोई लाभ नहीं मिल रहा है। हमारी पार्टी का मुख्यमंत्री होने के बावजूद हम नगर पंचायत (चुनाव) में चौथे नंबर पर आए...हमने कोशिश की लेकिन हम सफल नहीं हुए (उन्हें समझाने में)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ये भी बताया कि शिवसेना विधायकों ने बगावत क्यों की।
उन्होंने बताया कि 'हिंदुत्व' की वजह से विधायकों ने शिवसेना से बगावत की। शिंदे ने कहा कि शिवसेना के विधायकों को महा विकास अघाड़ी शासन के दौरान काम करने में मुश्किल हो रही थी और कांग्रेस और राकांपा, जो इसके घटक थे, जमीन हासिल करने की कोशिश कर रहे थे। एएनआई से शिंदे ने कहा, "सभी अनुमान लगा रहे थे, जनता में यह धारणा थी कि भाजपा सत्ता के लिए कुछ भी करती है। लेकिन उन्होंने लोगों को दिखा दिया है कि इन 50 लोगों ने हिंदुत्व के लिए ऐसा किया है, एक वैचारिक स्थिति और उनका एजेंडा विकास और हिंदुत्व का है और उनका समर्थन किया जाना चाहिए। अधिक संख्या और अधिक विधायक होने के बावजूद उन्होंने हमारा समर्थन किया। उन्होंने हमें मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन दिया।"
एकनाथ शिंदे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कहा कि राज्य को आगे ले जाएं, विकास की ओर ले जाएं और विकास कार्यों को आगे बढ़ाएं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें और विकास के प्रयासों में केंद्र के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। अपनी बात को जारी रखते हुए शिंदे ने कहा,"यह एक बड़ी बात है। केंद्र हमारे साथ है। हमने कुछ भी अवैध नहीं किया है। चुनाव पूर्व गठबंधन भाजपा और शिवसेना के बीच था। हम उस पार्टी के साथ गठबंधन कर रहे हैं।"