Maharashtra Chunav 2024: पुणे कांग्रेस में विद्रोह?, टिकट नहीं तो उल्हास उर्फ आबा बागुल, कमल व्यवहारे और मनीष आनंद निर्दलीय उतरे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 29, 2024 22:07 IST2024-10-29T22:06:44+5:302024-10-29T22:07:27+5:30
Maharashtra Chunav 2024: पार्वती विधानसभा क्षेत्र राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) को आवंटित होने के बाद बागुल ने यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया। व्यवहारे और आनंद ने क्रमशः कस्बा पेठ और शिवाजीनगर से पर्चा भरा।

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Maharashtra Chunav 2024: पुणे के तीन वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय उम्मीदवारों के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है। इन नेताओं में पूर्व नगर पार्षद उल्हास उर्फ आबा बागुल, पूर्व महापौर कमल व्यवहारे और मनीष आनंद शामिल हैं। पार्वती विधानसभा क्षेत्र राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) को आवंटित होने के बाद बागुल ने यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया। व्यवहारे और आनंद ने क्रमशः कस्बा पेठ और शिवाजीनगर से पर्चा भरा।
राकांपा (एसपी) ने पार्वती सीट से अश्विनी जगताप को टिकट दिया है। हालांकि, 2019 के विधानसभा चुनाव में जगताप पार्वती क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की माधुरी मिसाल से हार गए थे। शिवाजीनगर में कांग्रेस ने मौजूदा भाजपा विधायक सिद्धार्थ शिरोले के खिलाफ दत्ता बहिरत को मैदान में उतारा है, जिससे आनंद सहित अन्य उम्मीदवारों में नाराजगी पैदा हो गई।
कांग्रेस ने कसबा पेठ में अपने मौजूदा विधायक रवींद्र धांगेकर पर एक बार फिर भरोसा जताया है। साल की शुरुआत में हुए यहां हुए उपचुनाव में धांगेकर ने भाजपा के हेमंत रासने को हराया था। 20 नवंबर को होने वाले चुनाव में उनका मुकाबला एक बार फिर रासने से होगा। बागुल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “यह गलत धारणा है कि पार्वती सीट पर पारंपरिक रूप से राकांपा (अविभाजित) का दबदबा है।
यह पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित रहने तक कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। 2009 में इसे सामान्य श्रेणी की सीट घोषित कर दिया गया।” उन्होंने कहा कि राकांपा (अविभाजित) लगातार तीन बार पार्वती निर्वाचन क्षेत्र में जीत दर्ज करने में नाकाम रही। बागुल ने कांग्रेस के साथ अपने 40 साल पुराने जुड़ाव का हवाला देते हुए कहा, “पार्वती सीट कांग्रेस को आवंटित करने की हमारी मांग को नजरअंदाज कर दिया गया।”
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, “अश्विनी जगताप 2019 में पार्वती सीट से चुनाव हार गए थे। इस तरह के रुख के साथ राहुल गांधी कब प्रधानमंत्री बनेंगे?” कांग्रेस से बगावत करने के बाद कसबा पेठ से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल करने वाली व्यवहारे ने कहा कि उन्होंने 25 वर्षों तक पुणे नगर निगम में काम किया है।
मनीष आनंद ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के आग्रह पर उन्होंने शिवाजीनगर निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ने का फैसला किया है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मोहन जोशी ने कहा कि वरिष्ठ नेता बागुल, व्यवहारे और आनंद से बात करेंगे। उन्होंने कहा, “मुझे यकीन है कि वे समझेंगे और महायुति गठबंधन को हराने के बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपना नामांकन वापस लेंगे।”