महाराष्ट्र: खराब सड़क के कारण पौष्टिक आहार से वंचित रह गए माहेर गांव के बच्चे
By भाषा | Updated: June 23, 2021 10:48 IST2021-06-23T10:48:41+5:302021-06-23T10:48:41+5:30

महाराष्ट्र: खराब सड़क के कारण पौष्टिक आहार से वंचित रह गए माहेर गांव के बच्चे
औरंगाबाद (महाराष्ट्र), 23 जून महाराष्ट्र के माहेर गांव के बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन ले जा रहे एक टेम्पो को क्षेत्र में खराब सड़क संपर्क की वजह से आधे रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा।
सरपंच विशाल भोसले ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि यहां से करीब 250 किलोमीटर दूर परभणी जिला स्थित माहेर गांव का अक्सर बारिश के दौरान बाकी दुनिया से सम्पर्क टूट जाता है क्योंकि वहां उचित सड़क सम्पर्क नहीं है। माहेर गांव की आबादी करीब 500 है, जो पूर्ण तालुका में तड़कलास-पालम रोड से तीन किलोमीटर दूर स्थित है। यहां कभी कोई ऐसी सड़क नहीं बनी, जो हर मौसम में आवाजाही सुनिश्चित कर सके।
भोसले ने नाराजगी जताते हुए कहा, ‘‘ इस साल सड़क की हालत इतनी खराब हो गई कि गांव के बच्चों के लिए एक आंगनवाड़ी (सरकार द्वारा संचालित महिला एवं बाल देखभाल केन्द्र) से पौष्टिक भोजन लाने वाले एक टेम्पो को आधे रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा और बच्चे पोषक आहार से वंचित रह गए।’’
उन्होंने बताया कि माहेर के एक प्राथमिक विद्यालय में बाहर से आने वाले शिक्षकों को भी कई बार काफी दूर तक पैदल चलकर आना पड़ता है क्योंकि कीचड़ वाली सड़क पर दोपहिया वाहनों से आना-जाना मुश्किल है। अधिक बारिश होने पर सड़क डूब जाती है और कई बार शिक्षकों को उनके छात्रों को कंधे पर बैठाकर लाना पड़ता है।
गांव के प्रमुख ने कहा, ‘‘ पांच साल से, मैं गांव को तड़कलास-पालम रोड से जोड़ने वाले इस तीन किलोमीटर लंबे हिस्से पर सड़क निर्माण के लिए अधिकारियों से सम्पर्क करने की कोशिश कर रहा हूं। कुछ साल पहले 500 मीटर लंबी, तारकोल की सड़क बनी थी लेकिन आजादी के बाद से ही हमें कभी हर मौसम में टिकी रहने वाली सड़क नहीं मिली।’’
स्थानीय निवासी मोतीराम पाओल ने बताया कि लगातार बारिश होने पर वह लोग गांव में ही फंस जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ बारिश रुकने के दो-तीन दिन बाद भी हम बाहर नहीं निकल पाते।’’
पूर्णा की तहसीलदार (राजस्व अधिकारी) पल्लवी तेमकर से सम्पर्क करने पर उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उन्हें माहेर गांव में सड़क की ऐसी स्थिति की कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं सरपंच से बात करूंगी और देखेंगे कि किस योजना के तहत हम उन्हें बेहतर सड़क मुहैया करा सकते हैं।
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