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महाराष्ट्र : मंदिरों को फिर से खोलने की मांग को लेकर भाजपा का प्रदर्शन

By भाषा | Updated: August 30, 2021 16:24 IST

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महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी नेतृत्व वाली सरकार के मंदिरों को खोलने की अनुमति नहीं देने के विरोध में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राज्य के कई शहरों में प्रदर्शन किया। कोविड-19 प्रतिबंध के कारण मंदिर बंद हैं। कई जगहों पर धरना प्रदर्शन के दौरान सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया गया। भाजपा के आध्यात्मिक आघाड़ी द्वारा पुणे, मुंबई, नासिक, नागपुर, पंढरपुर, औरंगाबाद और अन्य स्थानों पर प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने घंटी बजाई और शंख बजाया। पुणे और औरंगाबाद में, भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंद मंदिरों में जबरन घुसने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। पुणे शहर में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने राज्य सरकार द्वारा शराब और अन्य दुकानों को संचालन की अनुमति देने लेकिन मंदिरों और अन्य पूजा स्थलों को खोलने की इजाजत नहीं देने पर सवाल उठाया। पाटिल ने सवाल किया, ‘‘क्या महामारी की संभावित तीसरी लहर का डर शराब की दुकानों और अन्य दुकानों पर लागू नहीं होता है? क्या कोरोना वायरस उनसे (सरकार) बात करता है और कहता है कि वह तभी हमला करेगा जब मंदिर फिर से खुलेंगे।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल शिवसेना ‘‘अपने सहयोगियों- कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को खुश करने’’ के लिए मंदिरों को फिर से खोलने की अनुमति नहीं दे रही है। मुंबई में, पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने प्रसिद्ध बाबुलनाथ मंदिर के पास प्रदर्शन का नेतृत्व किया। हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मंदिर के पास जाने से रोक दिया। मुनगंटीवार ने संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र को छोड़ देश के बाकी हिस्सों में मंदिर खुले हैं। आगामी त्योहारों के मद्देनजर सार्वजनिक समारोहों से बचने के लिए राज्यों को केंद्र के दिशा-निर्देश के बारे में पूछे जाने पर मुनगंटीवार ने सवाल किया, ‘‘क्या केंद्र ने शराब की दुकानों को खोलने और मंदिरों को बंद करने के लिए कहा था? क्या राज्य सरकार ने शिवसेना के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की, जिन्होंने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया? पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों को लोकल ट्रेनों में सफर की अनुमति दी गयी है। वही मानदंड लागू क्यों नहीं किया जा सकता और मंदिर फिर से क्यों नहीं खोले गए? इस बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को दही हांडी कार्यक्रम की अनुमति नहीं देने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ ठाणे में प्रदर्शन किया। हालांकि, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रवक्ता सचिन सावंत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ‘‘भक्तों के जीवन के साथ खेल रही है और केंद्र सरकार के निर्देशों की परवाह नहीं करती है।’’ सावंत ने दावा किया, ‘‘लोगों को सतर्क रहना चाहिए और भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं से दूर रहना चाहिए क्योंकि वे कोरोना वायरस के वाहक हो सकते हैं। चंद्रकांत पाटिल और अन्य ने मास्क नहीं पहना था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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