महाराष्ट्र: फड़नवीस का उद्धव को नया ऑफर, BJP मंत्री पदों के 50: 50 विभाजन को तैयार, शिवसेना ने रखी ये शर्तें!
By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 3, 2019 11:36 AM2019-11-03T11:36:48+5:302019-11-03T11:41:42+5:30
BJP and Shiv Sena: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए बीजेपी ने शिवसेना को मनाने के लिए पेश किया नया प्रस्ताव
महाराष्ट्र में नई सरकार गठन को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच जारी तनातनी के बीच पहली बार बीजेपी के शिवसेना की मांग पर विचार करने के संकेत मिले हैं। माना जा रहा है कि सरकार गठन में आ रही बाधा को दूर करने के लिए बीजेपी शिवसेना की मंत्री पदों के बराबर बंटवारे की मांग पर विचार करने को सहमत हो गई है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र चुनाव नतीजे आने के करीब 10 दिन बाद भी नई सरकार गठन को लेकर कोई फैसला न हो पाने से बीजेपी और खासतौर पर देवेंद्र फड़नवीस दबाव में हैं।
हालांकि अब तक इन दोनों के बीच आधिकारिक बातचीत शुरू नहीं हो पाई है लेकिन शुक्रवार को रिश्ते में जमी बर्फ तब पिछलते दिखी, जब फड़नवीस ने बीजेपी के नए ऑफर के साथ अपना दूत शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पास भेजा।
इसके जवाब में शिवसेना ने भी ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी मांग पर नरमी का संकेत देते हुए चीजों को आगे ले जाने के लिए फड़नवीस और उद्धव के बीच बातचीत की इच्छा जताई। माना जा रहा है कि इन दोनों नेताओं के बीच अगले एक-दो दिनों में हो सकती है।
बीजेपी ने दिया प्रस्ताव, शिवसेना ने रखी कई मांग!
इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस नए ऑफर के तहत, बीजेपी शिवसेना के मंत्री स्तरीय विभागों के समान विभाजन की मांग पर विचार करने को तैयार है। इसके बदले में शिवसेना रोटेशनल मुख्यमंत्री की मांग छोड़ सकती है। लेकिन इसके बदले में उसने नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार में दो मंत्री पदों (एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री) पद की मांग रखी है, साथ ही दो राज्यों में पार्टी के दिग्गज नेताओं के लिए गवर्नर पदों की भी मांग की है। महाराष्ट्र में भी शिवसेना ने राज्य द्वारा संचालित निगमों के नियंत्रण में भी 50: 50 शेयर की मांग की है।
24 अक्टूबर को आए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी का आंकड़ा 2014 से नीचे जाने के साथ ही उद्धव ठाकरे ने सत्ता में बराबर की भागीदारी की मांग रखी और बीजेपी को लोकसभा चुनाव पूर्व अमित शाह और फड़नवीस की मौजूदगी में हुए 50: 50 फॉर्मूले की याद दिलाई। फड़नवीस के सार्वजनिक तौर पर ये कहने से कि ऐसा कोई वादा नहीं किया गया था, दोनों पार्टियों के बीच बातचीत शुरू ही नहीं हो सकी। इसके बाद दोनों नेताओं के आक्रामक बयानों ने स्थिति सुधारने के बजाय और बिगाड़ी।
सरकार गठन में देरी से बढ़ा फड़नवीस पर दबाव!
इस रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव नतीजों आने के कई दिनों बाद भी सरकार गठन को लेकर कोई प्रगति नहीं होने से देवेंद्र फड़नवीस पर भी दबाव बढ़ने लगा क्योंकि पार्टी के एक प्रभावशाली धड़े ने इस गतिरोध के लिए उन्हे ही जिम्मेदार ठहराया। सूत्रों के मुताबिक बेमौसम बारिश की वजह से राज्य में किसानों की फसलों को हुए नुकसान ने भी बीजेपी पर जल्द से जल्द सरकार बनाने का दबाव बढ़ा दिया, क्योंकि विपक्ष वर्तमान कृषि संकट के लिए उसे निशाना बना रहा है।
बीजेपी शिवसेना को महत्वपूर्ण विभाग देने को भी तैयार!
शुरुआत में बीजेपी ने संकेत दिए थे के वह शिवसेना को 13 से 15 मंत्री पद देने और अपने और सहयोगियों के लिए 27 से 29 मंत्री पद रखने का इच्छुक है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, फड़नवीस अब शिवसेना के साथ बातचीत को ट्रैक पर लाने के लिए अतिरिक्त मंत्री पद देने के लिए भी तैयार हो गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पहले बीजेपी ने राजस्व, वित्त, गृह और शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों को देने के प्रति अनिच्छा दिखाई थी, लेकिन अब इनमें से कुछ विभागों को शिवसेना को देने पर राजी हो गई है।