महाराष्ट्र विधानसभा में कल (27 नवंबर) को बहुमत साबित कराए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मौजूदा सियासी समीकरण बदल गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नीत सरकार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बहुमत साबित करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया था लेकिन शिवसेना की अगुवाई में कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन ने अपनी मांग पर शीर्ष अदालत में कामयाबी पाई। बदले सियासी समीकरण को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आज (26 नवंबर) को रात नौ बजे अपनी कोर समिति की बैठक बुलाई है। बीजेपी नेता राव साहब दानवे ने यह जानकारी दी।
राव साहब दानवे ने कहा, ''हम बहुमत साबिक करेंगे। आज रात 9 बजे मुंबई के गारवेयर क्लब में बीजेपी विधायक बैठक में शामिल होंगे।''
सुप्रीम कोर्ट द्वारा शक्ति परीक्षण को लेकर सुनाए गए आदेश को बीजेपी ने अपने लिए झटका मानने से इनकार किया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि बहुमत साबित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला पार्टी के लिये झटका नहीं है और इससे सदन में सभी दलों की स्थिति को स्पष्ट हो जाएगी।
बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, ‘‘संविधान के मामले में कोई भी न्यायिक फैसला किसी राजनीतिक दल के लिए झटका नहीं हो सकता है। न्यायिक आदेश संविधान को मजबूत बनाते हैं।’’
वहीं, महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा, “हम शीर्ष अदालत के आदेश का सम्मान करते हैं। हम बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं और हम यह करके दिखाएंगे।”
अब तक के घटनाक्रम में सभी दल अपने पास विधायकों के पर्याप्त संख्याबल का दावा करते रहे हैं। बीजेपी के दावे के मुताबिक, डेढ़ सौ से ज्यादा विधायक उसके साथ है। राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरूरत है।
बीजेपी को एनसीपी नेता अजित पवार ने समर्थन देकर अल्पमत की सरकार बनाने में सहयोग किया। एनसीपी के पास 54 विधायक हैं। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के दावे के मुताबिक, उसके ज्यादातर विधायक अजित पवार खेमे से वापस उनके पास लौट आए हैं और शिवसेना, कांग्रेस मिलाकर गठबंधन के पास सरकार बनाने के लिए विधायकों की पर्याप्त संख्या है।
फिलहास सबकी निगाहें कल शाम बजे के लिए टिकी हैं जब महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत परीक्षण होगा।