महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: भाजपा बिगाड़ सकती है नायगांव का सियासी गणित!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 31, 2019 07:44 IST2019-08-31T07:44:02+5:302019-08-31T07:44:02+5:30

बापूसाहब गोरठेकर ने राकांपा का जिलाध्यक्ष पद छोड़कर भाजपा का दामन थामने की तैयारी में है. जिसका फायदा नायगांव विधानसभा चुनाव में भाजपा को हो सकता है.

Maharashtra assembly elections: BJP can spoil the political mathematics of Naigaon! | महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: भाजपा बिगाड़ सकती है नायगांव का सियासी गणित!

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: भाजपा बिगाड़ सकती है नायगांव का सियासी गणित!

Highlights नायगांव सीट से भाजपा की ओर से बालाजी बच्चेवार, श्रवण भिलवंडे, मिनल खतगांवकर, माणिक लोहगांवे सहित एक बार फिर राजेश पवार उत्सुक हैं.मराठा, मातंग, लिंगायत और धनगर समाज के मत यह निर्णायक संख्या में है.

पन्नालाल शर्मा

नायगांव विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में  वर्ष 2009 में राष्ट्रवादी कांग्रेस बनाम निर्दलीय मुकाबला हुआ था. इस मुकाबले में राकांपा के बागी और निर्दलीय वसंत चव्हाण विजयी हुए थे. राकांपा के बापूसाहब गोरठेकर को 11 हजार मतों से चव्हाण ने पराजित किया था. करीब उसी फर्क से वर्ष 2014 के चुनाव में दोबारा चव्हाण ने गोरठेकर को हराया था. लेकिन अब नायगांव विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का गणित बदल गया है. 

बापूसाहब गोरठेकर ने राकांपा का जिलाध्यक्ष पद छोड़कर भाजपा का दामन थामने की तैयारी में है. जिसका फायदा नायगांव विधानसभा चुनाव में भाजपा को हो सकता है. अब यहां से भाजपा इच्छुकों की संख्या भी अचानक बढ़ गई है.हालांकि विधायक के तौर पर वसंत चव्हाण अपने दो टर्म के कार्यकाल में गत दस साल में निर्वाचन क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने के लिए बड़े पैमाने पर विकास निधि का निवेश किया. 

गत दस साल के विधायकी कार्यकाल के दौरान चव्हाण पर एक भी भ्रष्टाचार का दाग नहीं लगा. जिसके कारण चव्हाण एक बार फिर से चुनावी तैयारियों में जुटे हुए हैं. लेकिन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में नायगांव विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा को 20 हजार से अधिक वोट मिले. 

जिसकी वजह से भाजपा गुट में उत्साह का माहौल. नायगांव सीट से भाजपा की ओर से बालाजी बच्चेवार, श्रवण भिलवंडे, मिनल खतगांवकर, माणिक लोहगांवे सहित एक बार फिर राजेश पवार उत्सुक हैं. स्थानीय उम्मीदवार दिया जाए अथवा पुराने कार्यकर्ताओं में से किसी को आगे किया जाए. इस पर भाजपा का मंथन जारी है.

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष तथा पूर्व सांसद भास्करराव पाटील खतगांवकर अपनी बहू को नायगांव से  टिकट दिलाने के लिए एड़ी से चोटी का जोर लगाने में जुटे हैं. यहां से खतगांवकर की राजेश पवार इस सिलसिले में अंतिम क्षण में कोई निर्णय अपेक्षित है.

उक्त इच्छुकों में से किसी को उम्मीदवारी नही मिली तो असंतुष्ट वंचित बहुजन मोर्चे में जाने से भी नहीं हिचकिचाएंगे. नायगांव विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में उमरी, धर्माबाद और नायगांव इन तीन तहसीलों में बिखरा हुआ है. मराठा, मातंग, लिंगायत और धनगर समाज के मत यह निर्णायक संख्या में है. जिसके कारण कांग्रेस-भाजपा के मतो के विभाजन का फायदा वंचित बहुजन मोर्चे को हो सकता है.इसी उम्मीद के सहारे वंचित बहुजन मोर्चे की ओर से यहां पर उत्तम गवाले, आनंद रोहरे, भास्कर भिलवंडे, शिवाजी कागदे ने उम्मीदवारी मांगी है.

शिवसेना की ओर से  गंगाधर बडुरे, रविंद्र भिलवंडे, माधव कल्याण चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है.बापूसाहब गोरठेकर के राकांपा छोड़ने के कारण पार्टी का अब यहा कोई अस्तित्व नहीं रहा है. इन सारी परिस्थितियों के बीच वसंत चव्हाण हैट्रिक करते क्या? यह देखना होगा.

Web Title: Maharashtra assembly elections: BJP can spoil the political mathematics of Naigaon!

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