जजों को नेताओं के पीछे बिठाने पर भड़के मद्रास HC के चीफ जस्टिस, बोले- क्या प्रतिष्ठा में हम मंत्रियों से छोटे हैं?
By पल्लवी कुमारी | Updated: August 13, 2018 13:08 IST2018-08-13T13:08:39+5:302018-08-13T13:08:39+5:30
रविवार 12 अगस्त को न्यायमूर्ति विजया कमलेश ताहिलरमानी ने मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।

जजों को नेताओं के पीछे बिठाने पर भड़के मद्रास HC के चीफ जस्टिस, बोले- क्या प्रतिष्ठा में हम मंत्रियों से छोटे हैं?
चेन्नई, 13 अगस्त: तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने रविवार 12 अगस्त को न्यायमूर्ति विजया कमलेश ताहिलरमानी को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। राज्यपाल ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में नयी मुख्य न्यायाधीश को शपथ दिलाई।
बम्बई उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ताहिलरमानी को हाल ही में मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। न्यायमूर्ति ताहिलरमानी मद्रास उच्च न्यायालय की तीसरी महिला मुख्य न्यायाधीश है।
शपथ ग्रहण समारोह के कुछ घंटे बाद ही यह विवादों में आ गया। दरअसल इस कार्यक्रम में अतिथियों की बैठक व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए। जस्टिस एमएस रमेश ने अपने व्हाट्सएप ग्रुप पर इस बारे में मैसेज कर अपना गुस्सा दिखाया। बता दें कि बैठक व्यवस्था से नाराज जस्टिस रमेश ने आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में इस बारे में मैसेज किया।
इस शपथ ग्रहण कार्यक्रम में हाईकोर्ट के जज मंत्रियों और पुलिस अफसरों के पीछे बैठे थे। इसी बात से नाराज जस्टिस रमेश ने लिखा, 'मैं इस पूरे घटनाक्रम से निराश हूं। यह एक गंभीर मसला है। क्या राजभवन संवैधानिक पदों पर बैठे जज और पुलिस अफसरों की पदक्रम नहीं जानते हैं? या फिर वह समझते हैं कि हाईकोर्ट के जज पद और प्रतिष्ठा में मंत्रियों और पुलिस के अफसरों से छोटे होते हैं? आधिकारिक समारोह में इस तरह की व्यवस्था कतई स्वीकार नहीं है।' इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जब न्यायाधीश रमेश ने इस मैसेज को शेयर किया तो बाकी जजों ने भी उनका समर्थन किया।
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