मध्य प्रदेश के अनुपपुर जिले में एक महिला ने अपने शौहर पर दहेज के लिए एक बार में तीन तलाक देने का आरोप लगाया है। महिला ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि उसका शौहर उसे शादी के पहले दिन से ही परेशान कर रहा था। महिला ने एएनआई से कहा, "ये मुझे शादी के पहले दिन से ही काफी टॉर्चर करता था। ये कहके कि तुम्हारे घर से कुछ नहीं आया। इस सबके बाद बोला अब मैं तुम्हें अपने घर में नहीं रख सकता हूँ और मैं तुम्हें तलाक़ देता हूँ। उन्होंने तीन बार बोला मुझे तलाक़।"
नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बार में तीन तलाक देने को गैर-कानूनी बनाने के लिए विधेयक प्रस्तावित किया है जो लोक सभा में पारित हो गया था लेकिन राज्य सभा में अटक गया था। प्रस्तावित विधेयक में तलाक़-ए-बिद्दत (एक बार में तीन बार तलाक) को आपराधिक कृत्य बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए तीन साल की सजा और जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। इसके तहत बोलकर, एसएमएस से, फोन से, ईमेल या व्हाट्सऐप इत्यादि से भी तलाक देने को गैर-कानूनी बनाने का प्रस्ताव था।
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया था। कांग्रेस तीन तलाक को गैर-कानूनी बनाए जाने पर सहमत थी लेकिन वो इसे आपराधिक बनाए जाने के खिलाफ थी। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि विवाह एक सिविल मामले है जिसे क्रिमिनल मामले में बदलने के व्यापक दुष्परिणाम हो सकते हैं। अभी संसद के बज़ट सत्र का उत्तरार्ध जारी है। ऐसे में इस मामले को दोबारा उठने की पूरी उम्मीद है।