मध्य प्रदेश: तेज हुई मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें, लिए जा सकते हैं 6 मंत्रियों से इस्तीफे

By राजेंद्र पाराशर | Published: June 17, 2019 04:53 AM2019-06-17T04:53:35+5:302019-06-17T04:53:35+5:30

लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से मुख्यमंत्री कमलनाथ मंत्रिमंडल का विस्तार करना चाह रहे हैं, वे चाहते हैं कि विधानसभा सत्र के पहले यह विस्तार कर दिया जाए. इसके पीछे बार-बार भाजपा द्वारा उनकी सरकार को घेरने और कमजोर बताने को जो कोशिश हो रही है, उसे वे मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं. 

Madhya Pradesh: speculation of expansion of cabinet expansion can be taken, resigns from 6 ministers | मध्य प्रदेश: तेज हुई मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें, लिए जा सकते हैं 6 मंत्रियों से इस्तीफे

मध्य प्रदेश: तेज हुई मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें, लिए जा सकते हैं 6 मंत्रियों से इस्तीफे

Highlightsवर्तमान मंत्रिमंडल में स्वयं कमलनाथ के कोटे से 10 और दिग्विजय सिंह एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया कोटे से 7-7 मंत्री हैं.राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी.सी.शर्मा ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए खुलासा किया है कि मंत्रिमंडल के सभी सदस्य मंत्री पद छोड़ने को तैयार हैं.

मध्यप्रदेश में एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई है. दो बार दिल्ली जाकर लौटे मुख्यमंत्री कमलनाथ से जब राहुल गांधी की मुलाकात नहीं हुई तो उन्होंने विधायकों के खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए विस्तार का कदम उठाने के संबंध में यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर मंत्रिमंडल विस्तार की बात कही है.

लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से मुख्यमंत्री कमलनाथ मंत्रिमंडल का विस्तार करना चाह रहे हैं, वे चाहते हैं कि विधानसभा सत्र के पहले यह विस्तार कर दिया जाए. इसके पीछे बार-बार भाजपा द्वारा उनकी सरकार को घेरने और कमजोर बताने को जो कोशिश हो रही है, उसे वे मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं. चुनाव परिणाम के बाद वे इस संबंध में चर्चा करने दो मर्तबा दिल्ली हो आए, मगर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से उनकी मुलाकात नहीं हुई, इसके चलते मामला ठंडे में पड़ गया. मगर अब यह बात सामने आ रही है कि मुख्यमंत्री ने एक पत्र यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी को लिखा है. उस पत्र में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह , ज्योतिरादित्य सिंधिया और खुद के कोटे से 2-2 मंत्रियों को कम करने का जिक्र किया है. मुख्यमंत्री ने इनके बदले निर्दलीय और बसपा, सपा के विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने का अनुरोध किया है. मुख्यमंत्री का तर्क है कि निर्दलीय विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने से भाजपा द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका खत्म हो जाएगी सकेगी. मुख्यमंत्री द्वारा सोनिया गांधी को लिखे इस पत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा ने जोर पकड़ा है. इसके चलते माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री वर्तमान मंत्रियों में से 6 मंत्रियों से इस्तीफा ले सकते हैं.

वर्तमान मंत्रिमंडल में स्वयं कमलनाथ के कोटे से 10 और दिग्विजय सिंह एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया कोटे से 7-7 मंत्री हैं. इनमें से 2-2 मंत्रियों के पदों को खाली करने की बात मुख्यमंत्री ने कह है. अगर ऐसा होता है तो 6 नए विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है. हालांकि मंत्री न बनाए जाने से नाराज चल रहे विधायकों की संख्या 6 से भी ज्यादा है.

सभी मंत्री तैयार हैं इस्तीफा देने के लिए

राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी.सी.शर्मा ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए खुलासा किया है कि मंत्रिमंडल के सभी सदस्य मंत्री पद छोड़ने को तैयार हैं. सभी मंत्रियों ने यह बात मुख्यमंत्री कमलनाथ को बता दी है. मंत्रिमंडल में किसे रखना और किसे नहीं यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. मंत्रियों ने साफ कहा है कि चाहे जो हो जाए, वे सरकार को अस्थिर नहीं होने देंगे.इसके लिए सभी मंत्री अपना इस्तीफा देने को तैयार हैं. उन्होंने यह दावा भी किया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार पूरे पांच साल चलेगी और अगला विधानसभा चुनाव भी कांग्रेस जीतेगी एवं सरकार बनाएगी. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता जनता के बीच भ्रम फैला रहे हैं, जिसे हम दूर करेंगे कि कांग्रेस की सरकार स्थित सरकार है.

बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में भाजपा नेताओं की भूमिका पर शक

जनसंपर्क मंत्री पी.सी.शर्मा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए राजधानी के मांडवा बस्ती में 9 जून को बच्ची के साथ दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या मामले में भाजपा नेताओं की भूमिका पर संदेह व्यक्त किया है. शर्मा ने कहा कि भाजपा नेताओं ने ही आरोपी को पीड़ित परिवार के बाजू में झुग्गी दिलवाई थी. उन्होंने कहा कि घटना के बाद भाजपा नेता वहां बार-बार जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले की भी जांच करा रही है.

मंत्री का बयान गैर जिम्मेदाराना

भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जनसंपर्क मंत्री पी.सी.शर्मा द्वारा बच्ची के दुष्कर्म और उसकी हत्या को लेकर भाजपा नेताओं पर जो संदेह जताने वाला मंत्री का बयान गैरजिम्मेदाराना बयान है. सारंग ने कहा कि मंत्री पद की गरिमा के हिसाब से उन्हें कोई बात कहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बिजली कटौती हो रही है तो उन्हें भाजपा नेता संदिग्ध नजर आते हैं. इसके पहले हत्याओं के मामले में भी भाजपा नेता ही संदिग्ध नजर आए. हालात यह है कि आज प्रदेश में कुछ भी होता है तो आरोप भाजपा पर लगा दिया जाता है.

Web Title: Madhya Pradesh: speculation of expansion of cabinet expansion can be taken, resigns from 6 ministers

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