शिवपुरीः मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए 5 साल से भटक रही डकैत की पत्नी, जानें पूरा मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 9, 2021 21:08 IST2021-03-09T21:06:01+5:302021-03-09T21:08:00+5:30

विधवा पेंशन जैसी सरकारी योजना लाभ का लेने के लिए डकैत की पत्नी गीता पाल मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए पांच साल से भटक रही है.

madhya pradesh Shivpuri Wife of dacoit wandering for 5 years for death certificate | शिवपुरीः मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए 5 साल से भटक रही डकैत की पत्नी, जानें पूरा मामला

कहा गया कि भुठभेड़ केनवाया और लोटना ग्रामों के बीच हुई थी.इसके बाद परिजन वहां पहुंच गए.

Highlightsपुलिस ने जनवरी 2016 में 30 हजार के इनामी डकैत चंदन गडरिया को केनवाया के जंगलों में एक मुठभेड़ में मार गिराया था. चंदन करैरा तहसील के मामौनी गांव का रहने वाला था.पत्नी गीता पाल मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए पहुंची तो उन्हें कहा गया कि जिस जगह मौत हुई है प्रमाणपत्र भी वहीं बनेगा.

शिवपुरः गडरिया गिरोह के सदस्य रहे चंदन गडरिया को मध्य प्रदेश के शिवपुरी में आतंक का पर्याय कहा जाता था. उसके एनकाउंटर के बाद उसका मृत्यु प्रमाण पत्र तीन पंचायतों की सीमाओं में उलझ गया है.

नतीजतन विधवा पेंशन जैसी सरकारी योजना लाभ का लेने के लिए डकैत की पत्नी गीता पाल मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए पांच साल से भटक रही है. उल्लेखनीय है कि पुलिस ने जनवरी 2016 में 30 हजार के इनामी डकैत चंदन गडरिया को केनवाया के जंगलों में एक मुठभेड़ में मार गिराया था. चंदन करैरा तहसील के मामौनी गांव का रहने वाला था.

उसकी पत्नी गीता पाल मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए पहुंची तो उन्हें कहा गया कि जिस जगह मौत हुई है प्रमाणपत्र भी वहीं बनेगा. जब वह केनवाया पंचायत पहुंची तो यहां पर सीमाओं का पेंच उलझ गया. उनसे कहा गया कि भुठभेड़ केनवाया और लोटना ग्रामों के बीच हुई थी.इसके बाद परिजन वहां पहुंच गए. यहां से उन्हें चंदावनी से प्रमाण पत्र बनवाने की बात कह दी गई.

इसके बाद जब चंदावनी पहुंचे तो यहां से नावली पंचायत भेज दिया गया. नावली पंचायत ने भी प्रमाणपत्र देने से इनकार करते हुए कहा दिया कि जिस जगह भुठभेड़ हुई वह हमारी पंचायत की सीमा में नहीं है और अब लोटना और केनवाया पंचायत विस्थापित हो चुकी हैं. इसके बाद तहसीलदार, एसडीएम से लेकर कलेक्टर तक के सामने परिवार विधवा पेंशन और अन्य योजनाओं के लिए गुहार लगा चुका है, लेकिन 5 साल बीतने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है.

डकैत चंदन गडरिया की पत्नी ने सुनाई व्यथा: डकैत चंदन की पत्नी गीता पाल का कहना है कि चंदन के साथ पुलिस ने चाहे जो किया हो, लेकिन अब मेरे पांच बच्चे हैं, कच्चा मकान है कम से कम गुजारे के लिए विधवा पेंशन और राशन के लिए बीपीएल कार्ड तो दें. गीता ने कहा कि मेरे बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं.

बच्ची शादी के लायक हो गई है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है. जब हर पंचायत में भटकने के बाद कोई समाधान नहीं मिला तो कलेक्टर के पास आवेदन भी दिया, लेकिन वहां से भी कोई मदद नहीं मिली. चदन की पत्नी का कहना है कि उसे अब बस सरकार से ही मदद की उम्मीद है. खेतों में मजदूरी करके होता है गुजर बसर: बताया जाता है कि चंदन गडरिया के नाम से पूरा मामौनी गांव कांपता था अब उसकी पत्नी वहां दूसरों के खेतों में मजदूरी कर किसी तरह अपने बच्चों को पाल रही है.
 

Web Title: madhya pradesh Shivpuri Wife of dacoit wandering for 5 years for death certificate

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