आनंद मोहन पर विवाद के बीच मध्य प्रदेश का भी वही हाल! भाजपा नेता के खिलाफ गंभीर आपराधिक केस बंद किए गए

By विनीत कुमार | Published: April 26, 2023 10:53 AM2023-04-26T10:53:17+5:302023-04-26T11:17:46+5:30

मध्य प्रदेश में भाजपा नेता और पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंसाना के खिलाफ कई गंभीर मामलों को बंद करने का मामला सामने आया है। रघुराज कसाना पहले कांग्रेस में थे और 2020 में भाजपा में शामिल हुए थे।

Madhya Pradesh: Rules tweaked to scrap cases against BJP leader Raghuraj Singh Kansana amid Anand Mohan row | आनंद मोहन पर विवाद के बीच मध्य प्रदेश का भी वही हाल! भाजपा नेता के खिलाफ गंभीर आपराधिक केस बंद किए गए

भाजपा नेता रघुराज सिंह कसाना से हटाए गए केस (फोटो- फेसबुक)

Highlightsमध्य प्रदेश में पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंसाना के खिलाफ गंभीर आपराधिक केस हटाए गए।कंसाना 2020 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे, राज्य के गृह मंत्रालय से मंजूरी के बाद हटाए गए केस।कमलनाथ के कार्यकाल में भी कंसाना से केस हटाने की कोशिश हुई थी लेकिन विधि विभाग ने तब मामलों को गंभीर बताया था।

भोपाल: मध्य प्रदेश में एक भाजपा नेता के खिलाफ पिछले हफ्ते राज्य के गृह विभाग की मंजूरी के बाद आपराधिक मामलों को खत्म करने का मामला सामने आया है। यह मामला उस समय सामने आया है जब बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन का मुद्दा सुर्खियों में है।

बिहार में 1994 में गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के दोषी आनंद मोहन सिंह की रिहाई पर राजनीतिक उठापटक मची हुई है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष के निशाने पर हैं। बिहार में भी जेल नियमावली को बदलते हुए आनंद मोहन सहित 27 लोगों को रिहा किया गया है।

मध्य प्रदेश में रघुराज सिंह कंसाना से हटाए गए केस

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंसाना के खिलाफ कई मामले दर्ज थे। साल 2012 में उनके खिलाफ कई गंभीर मामले जैसे डकैती, हत्या के प्रयास और मुरैना में अपहरण जैसे आरोप लगाए गए थे।

साल 2018 में कंसाना को कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुना गया था। कुछ ही समय बाद कमलनाथ सरकार ने उनके खिलाफ मामलों को खारिज करने का प्रयास किया, लेकिन विधि विभाग ने यह कहते हुए इससे इनकार किया आरोप बहुत गंभीर हैं। साल 2019 में, सीबीआई ने एक बैंक धोखाधड़ी मामले में मुरैना में कसाना के आवास पर तलाशी भी ली, जिसमें उनके भतीजे भी आरोपी हैं।

भाजपा में 2020 में शामिल हुए कंसाना और बदल गया सबकुछ

साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से बगावत करते हुए कंसाना भी बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने इसके बाद उपचुनाव भी लड़ा, लेकिन हार गए। फिर भी उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला। भाजपा ने उन्हें पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का अध्यक्ष बनाया।

पिछले हफ्ते गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने गृह मंत्री को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें कहा गया था, 'केस को वापसी के लिए उचित आदेश की खातिर विभागीय सहमति पर विचार करने के लिए प्रस्तुत किया गया है।' अगले दिन यानी 19 अप्रैल को मंत्री ने रघुराज सिंह कंसाना के खिलाफ आपराधिक मुकदमों को बंद करने का फैसला किया।

इस बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'जब जिला या स्थानीय प्रशासन के विधि विभाग से कोई रिपोर्ट आती है तो ऐसे मामलों को वापस ले लिया जाता है।'

वहीं, पूरे मामले को लेकर कांग्रेस के एक प्रवक्ता केके मिश्रा ने दावा किया कि अपराध को नियंत्रित करने के प्रभारी गृह मंत्री द्वारा लिखा गया नोट कानून-व्यवस्था की स्थिति को उजागर करने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा, 'अगर भविष्य में राजनीतिक कारणों से गंभीर किस्म के अपराधों को लेकर इस तरह के बयान दिए गए तो कानून का राज स्थापित करने का सपना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। कानून का सख्ती से पालन होना चाहिए और राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।'

Web Title: Madhya Pradesh: Rules tweaked to scrap cases against BJP leader Raghuraj Singh Kansana amid Anand Mohan row

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