‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून, मप्र मंत्रिमंडल ने धर्मांतरण संबंधी विधेयक को मंजूरी दी, जानें कितने साल की मिल सकती है सजा

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: December 29, 2020 19:38 IST2020-12-29T19:36:51+5:302020-12-29T19:38:18+5:30

मध्य प्रदेश मंत्रिमंडलः विधेयक को विधानसभा के आसन्न सत्र में पेश किया गया और पारित होते ही ‘धर्म स्वातंत्र्य कानून 1968’ समाप्त हो गया.दस साल तक की सजा का प्रावधान है.

madhya pradesh ordinance against love jihad law cabine meeting 10 years of jail rs 25000 fine cm shivraj singh | ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून, मप्र मंत्रिमंडल ने धर्मांतरण संबंधी विधेयक को मंजूरी दी, जानें कितने साल की मिल सकती है सजा

मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा राज्य हो जाएगा. (file photo)

Highlightsएक से 10 साल तक की कैद एवं एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.पीड़ित व्यक्ति अथवा उसके माता-पिता या भाई-बहन अथवा अभिभावक शिकायत कर सकते हैं.ऐसे विवाह से जन्मे बच्चे माता-पिता की संपत्ति के उत्तराधिकारी होंगे.

भोपालः मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने विवाह के नाम पर और साथ ही अन्य जालसाजीपूर्ण तरीके से किए जाने वाले धर्मांतरण के खिलाफ मंगलवार को एक विधेयक पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी और उसे राज्यपाल के पास भेज दिया.

अध्यादेश में कानून के उल्लंघन पर दस साल तक की सजा का प्रावधान है, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पत्रकारों ने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की ऑनलाइन बैठक में ‘धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक’ पर अध्यादेश सहित कई अन्य अध्यादेशों को मंजूरी दी गई.’’ उन्होंने बताया कि ‘धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक’ संबंधी अध्यादेश को राज्य की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है.

इसके साथ ही मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा राज्य हो जाएगा, जो लव जिहाद रोकने के लिए कानून लाया है. मंत्रि-परिषद की बैठक में इसके साथ ही कुल 12 अध्यादेशों का अनुमोदन कर, उन्हें राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजने की मंजूरी  के लिए भेजा गया.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सुबह हुई मंत्रि-परिषद की वर्चुअल बैठक पूर्व में अनुमोदित, मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक को, मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश,2020  के रूप में प्रभावशील करने के  लिए मंजूर किया गया.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इसको लेकर आज शाम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से भी भेंट की. माना जा रहा है कि राज्यपाल आज ही इस अध्यादेश को मंजूरी दे सकती हैं. इसके साथ ही यह अध्यादेश कानून के शक्ल में लागू हो जाएगा.

इस विधेयक के बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में अध्यादेश के जरिए संशोधन कर महिलाओं, बेटियों, विशेषकर नाबालिक बेटियों, अनुसूचित जाति, जनजाति के भाई-बहनों का नियम विरुद्ध धर्म परिवर्तन कराने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.

इसमें न्यूनतम 2 वर्ष से लेकर अधिकतम 10 वर्ष तक का कारावास और 50 हजार रुपए का अर्थदंड दिया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने बताया कि लोभ, लालच, भय, प्रलोभन, परिचय छिपाकर धर्म परिवर्तन कराने या कुत्सितइरादों से धर्मांतरण कराने पर दंड दिया जा सकेगा. ऐसे अपराध बड़े पैमाने पर मध्य प्रदेश में हो रहे हैं. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.

अपना धर्म छिपाकर या गलत व्याख्या कर धर्म परिवर्तन कराने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि अधिनियम विरुद्ध दो या अधिक व्यक्तियों का एक ही समय में सामूहिक धर्म परिवर्तन किए जाने पर न्यूनतम 5 वर्ष से अधिकतम 10 वर्ष तक कारावास और न्यूनतम 1 लाख रुपए का अर्थदंड का प्रावधान किया गया है.

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिस व्यक्ति का धर्म परिवर्तन अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध किया गया है उसके माता-पिता, भाई-बहन इसकी शिकायत पुलिस थाने में कर सकेंगे. पीड़ित व्यक्ति के अन्य सगे संबंधी, कानूनी अभिभावक और दत्तक के संरक्षक भी परिवाद के माध्यम से सक्षम न्यायालय से आदेश प्राप्त कर सकेंगे. प्रस्तावित अधिनियम के अंतर्गत दर्ज किए गए अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होंगे. उनकी सुनवाई के लिए सत्र न्यायालय ही अधिकृत होगा. यह अध्यादेश राज्यपाल को भेजा जा रहा है.

Web Title: madhya pradesh ordinance against love jihad law cabine meeting 10 years of jail rs 25000 fine cm shivraj singh

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे