Madhya Pradesh Ki Taja Khabar: कोरोना वायरस से जंग में हार गए भोपाल गैस त्रासदी की जंग जीतने वाले पांच व्यक्ति

By भाषा | Published: April 15, 2020 11:42 AM2020-04-15T11:42:49+5:302020-04-15T11:42:49+5:30

भोपाल गैस कांड की जंग जीतने वाले पांच व्यक्ति कोरोना वायरस महामारी की जंग हार गये। इन पांचों की पांच अप्रैल से लेकर 12 अप्रैल के बीच कोविड-19 से मौत हुई है। कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक भोपाल में कुल पांच व्यक्तियों की मौत हुई और ये पांचों भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित थे।

Madhya Pradesh Ki Taja Khabar: Five people who won the battle of Bhopal gas tragedy lost in the war with Corona virus | Madhya Pradesh Ki Taja Khabar: कोरोना वायरस से जंग में हार गए भोपाल गैस त्रासदी की जंग जीतने वाले पांच व्यक्ति

भोपाल गैस त्रासदी के पांच पीड़ितों की कोरोना वायरस से मौत।

Highlightsकोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक भोपाल में कुल पांच व्यक्तियों की मौत हुई और ये पांचों भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित थे।संगठनों ने राज्य एवं केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर यह बताया था कि गैस पीड़ितों में कोरोना का संक्रमण होने की आशंका अन्य लोगों की तुलना में पांच गुना ज्यादा है।

भोपाल। करीब 35 साल पहले हुई भयावह औद्योगिक त्रासदी ‘भोपाल गैस कांड’ की जंग जीतने वाले पांच व्यक्ति कोरोना वायरस महामारी की जंग हार गये। इन पांचों की पांच अप्रैल से लेकर 12 अप्रैल के बीच कोविड-19 से मौत हुई है। कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक भोपाल में कुल पांच व्यक्तियों की मौत हुई और ये पांचों भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित थे। भोपाल में 2-3 दिसंबर 1984 की दरमियानी रात को यूनियन कार्बाइड के कारखाने से रिसने वाली जहरीली गैस ‘मिक’ की चपेट में आने से हजारों लोग पिछले करीब साढ़े तीन दशक से तमाम स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

भोपाल गैस पीड़ितों के हितों के लिये लंबे अरसे से काम करने वाले संगठन ‘भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन’ की सदस्य रचना ढींगरा ने बुधवार को दावा किया, ''भोपाल में कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक पांच व्यक्तियों की मौत हो चुकी है और ये पांचों भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित थे।'' उन्होंने आरोप लगाया, ''भोपाल गैस पीड़ितों के लिए बने अस्पताल भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) को राज्य सरकार ने राज्य स्तरीय नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) उपचार संस्थान के रूप में चिन्हित किया है, जिससे इस अस्पताल में केवल कोविड-19 के मरीजों का ही उपचार हो रहा है। इससे भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को अपना इलाज कराने में बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।''

ढींगरा ने बताया कि 21 मार्च को गैस पीड़ितों के संगठनों ने राज्य एवं केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर यह बताया था कि गैस पीड़ितों में कोरोना का संक्रमण होने की आशंका अन्य लोगों की तुलना में पांच गुना ज्यादा है। उनका आरोप है कि सरकार ने इस चिट्ठी पर कोई ध्यान नहीं दिया और गैस पीड़ितों के एकमात्र अस्पताल बीएमएचआरसी को गैस पीड़ितों के इलाज के लिए पूर्ण रूप से बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे गैस पीड़ितों को इलाज कराने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ढींगरा ने बताया कि गैस पीड़ितों के अस्पताल बीएमएचआरसी के दो पल्मोनोलॉजिस्ट और बाकी सारे विशेषज्ञ पिछले 25 दिन से सिर्फ कोविड-19 के लिए प्रोटोकॉल विकसित कर रहे हैं। ढींगरा ने बताया, ''भोपाल में पांच अप्रैल को जिस पहले 55 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण मौत हुई थी वह भोपाल गैस त्रासदी में गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे और उन्हें लम्बे समय से फेफड़े की समस्या थी। उन्होंने एक निजी अस्पताल में दम तोड़ा।''

उन्होंने कहा कि शहर में कोरोना वायरस से जिस दूसरे व्यक्ति की मौत हुई वह 80 साल के भेल के सेवानिवृत्त कर्मचारी थे। वह भी भोपाल गैस पीड़ित थे और बीएमएचआरसी अस्पताल में गैस पीड़ितों का इलाज बंद होने के कारण अपना इलाज नहीं करा पा रहे थे। उन्होंने आठ अप्रैल को अंतिम सांस ली और 11 अप्रैल को आई उनकी कोविड-19 की रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। ढींगरा ने बताया कि कोविड-19 से 40 वर्षीय जिस तीसरे मरीज की भोपाल में मौत हुई वह भी भोपाल गैस पीड़ित थे। एक साल से मुंह के कैंसर से भी पीड़ित थे। उनकी मौत 12 अप्रैल को हुई और उसी दिन उनकी रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उन्होंने कहा कि संक्रमण से जान गंवाने वाले चौथे व्यक्ति भी गैस पीड़ित थे। 52 वर्षीय वह व्यक्ति क्षय रोगी थे। उनकी मृत्यु 11 अप्रैल को सरकारी हमीदिया अस्पताल में हुई।

ढींगरा ने बताया कि भोपाल में कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले पांचवे व्यक्ति भी गैस पीड़ित थे। वह 75 वर्ष के वरिष्ठ पत्रकार थे। उनकी मृत्यु 11 अप्रैल को हुई। उनमें संक्रमण की पुष्टि 14 अप्रैल को आई रिपोर्ट में हुई। गैस पीड़ितों के लिए पिछले तीन दशक से अधिक समय से काम कर रहे संगठनों का दावा है कि इस त्रासदी में अब तक 20,000 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं और लगभग 5.74 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। भोपाल में अब तक 158 मरीज कोविड-19 संक्रमित पाए गए हैं। मध्य प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने वाले मरीजों की तादाद 757 पर पहुंच गई है। इनमें से अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से इंदौर में 37, उज्जैन में छह, भोपाल में पांच, खरगोन में तीन और छिंदवाड़ा एवं देवास में एक—एक मौत के मामले शामिल हैं। इंदौर शहर में अब तक सर्वाधिक 427 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। मध्य प्रदेश के 52 जिलों में से 24 जिलों में इस महामारी ने अब दस्तक दे दी है।

Web Title: Madhya Pradesh Ki Taja Khabar: Five people who won the battle of Bhopal gas tragedy lost in the war with Corona virus

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे