मध्य प्रदेशः टल सकता है कमलनाथ का मंत्रिमंडल विस्तार, निगम-मंडलों में नियुक्ति
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 10, 2019 06:31 AM2019-06-10T06:31:17+5:302019-06-10T06:31:17+5:30
लोकसभा चुनाव की हार के बाद कांग्रेस पहले संगठन में विस्तार करेगी, फिर विस्तार और नियुक्तियों का सिलसिला शुरु होने की बात कही जा रही है.
भोपाल, 9 जूनः मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्यमंत्री कमलनाथ जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे, मगर यह मामला अब विधानसभा के बजट सत्र तक टाला जा सकता है. इसके लिए निगम-मंडलों में की जाने वाली नियुक्तियां भी टलने के आसार बताए जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव की हार के बाद कांग्रेस पहले संगठन में विस्तार करेगी, फिर विस्तार और नियुक्तियों का सिलसिला शुरु होने की बात कही जा रही है.
राज्य में लोकसभा चुनाव के बाद से अस्थित सरकार के लग रहे आरोपों से बचने के लिए कांग्रेस द्वारा जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार की बात कही जा रही थी, मगर अब यह विस्तार टलने के आसार नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ दो मर्तबा दिल्ली हो आए, मगर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से उनकी चर्चा न होना भी विस्तार और नियुक्तियों के टलने का एक कारण माना जा रहा है. वैसे कोर कमेटी की बैठक में भी यह मुद्दा उठा, मगर इसे टालने की बात भी कुछ सदस्यों ने कही.
सूत्रों की माने तो राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार विधानसभा के बजट सत्र तक टाला जा सकता है. इसके अलावा निगम-मंडलों में जो नियुक्तियों को लेकर सक्रियता दिखाई जा रही थी, वह भी अब प्रदेश संगठन में होने वाले संभावित बदलाव के बाद ही होंगी. सूत्रों की माने तो कांग्रेस पदाधिकारी अब यह चाहते हैं कि पहले संगठन में बदलाव कर पदाधिकारियों को पद दिया जाए, इसके बाद शेष नेताओं को निगम-मंडलों में पद दिए जाएं, ताकि किसी तरह का असंतोष नहीं रहे. हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद विस्तार और नियुक्तियों का इंतजार करने वाले नेता एक बार फिर इस फैसले से निराश होंगे.
हारे नेता भी बने चिंता
पार्टी के लिए विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव हारे नेता एक बार फिर चिंता के कारण बन गए हैं. इन नेताओं को संगठन में किसी पद पर समायोजित करने के बाद पार्टी नियुक्तियों और मंत्रिमंडल विस्तार पर विचार करना चाह रही है. कुछ हारे नेताओं को संंगठन की जिम्मेदारी दे कर समायोजित किया जाएगा तो कुछ को अन्य पदों पर नियुक्तियां देकर असंतोष को दूर करने की कवायद की जाएगी.