MP Taja Khabar: मध्य प्रदेश में सियासी संकट के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया आज बीजेपी में होंगे शामिल!
By रामदीप मिश्रा | Updated: March 11, 2020 09:42 IST2020-03-11T09:42:02+5:302020-03-11T09:42:02+5:30
MP Taja Khabar: मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 बीजेपी, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया (फाइल फोटो)
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीते दिन मंगलवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया और वह आज (11 मार्च) भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम सकते हैं। कहा गया है कि पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को साइडलाइन कर दिया था, जिसके चलते वह पार्टी से बेहद नाराज थे।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट गहरा गया। कमलनाथ सरकार अल्पमत में दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में केवल 88 विधायक पहुंचे थे और 26 विधायक अता-पता नहीं चला। इन 26 विधायकों में से 22 विधायकों ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
बता दें कि सिंधिया राजघराने का सियासी सफर कांग्रेस से 1957 में शुरू हुआ था। विजयाराजे सिंधिया ने 1957 और 1962 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर ही जीता था। 1967 के चुनाव से पहले उन्होंने स्वतंत्र पार्टी का दामन थाम लिया और कांग्रेस छोड़ दी। सिंधिया 1971 के लोकसभा चुनाव से पहले जनसंघ में शामिल हुईं और 2001 तक अपने मृत्यु तक पहले जनसंघ फिर भारतीय जनता पार्टी में रहीं।
1980 में कांग्रेस में शामिल होने वाले माधवराव सिंधिया का कद कांग्रेस पार्टी में बहुत बड़ा था। उनके पूर्व सहयोगी और विदेश मंत्री रह चुके नटवर सिंह ने भी हा कि उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने से कोई ताज्जुब नहीं हुआ है। उनके पिता माधवराव सिंधिया अगर जीवित रहते तो जरूर प्रधानमंत्री बनते। 1996 में कांग्रेस पार्टी से संबंध खराब होने के बाद माधवराव सिंधिया ने पार्टी छोड़ दी थी। उसी साल उन्होंने मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस (MPVC) का गठन किया था।
1996 लोकसभा चुनाव उन्होंने इसी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और ग्वालियर से जीत हासिल की। हालांकि कुछ दिनों बाद ही वह कांग्रेस में वापस आ गए थे। 1998 और 1999 लोकसभा चुनाव में माधवराव सिंधिया गुना लोकसभा सीट से सांसद बने थे।
मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में दो खाली हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में कुल 228 विधायक हैं, जिनमें से 114 कांग्रेस, 107 बीजेपी, चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी एवं एक समाजवादी पार्टी का विधायक शामिल हैं। कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को इन चारों निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ बसपा और सपा का समर्थन है।