मध्य प्रदेश चुनावः इन सीटों पर कांग्रेस-BJP को जिताऊ उम्मीदवार की तलाश, दोनों पार्टियों के सामने खड़ी है मुसीबत

By राजेंद्र पाराशर | Published: November 6, 2018 05:42 AM2018-11-06T05:42:47+5:302018-11-06T05:42:47+5:30

भाजपा के दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने पी।सी।शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। इस क्षेत्र में आम आदमी पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया है।

madhya pradesh elections 2018: congress and bjp finding winning candidate for these seats | मध्य प्रदेश चुनावः इन सीटों पर कांग्रेस-BJP को जिताऊ उम्मीदवार की तलाश, दोनों पार्टियों के सामने खड़ी है मुसीबत

मध्य प्रदेश चुनावः इन सीटों पर कांग्रेस-BJP को जिताऊ उम्मीदवार की तलाश, दोनों पार्टियों के सामने खड़ी है मुसीबत

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की  विधानसभा सीटों में से भाजपा को दो और कांग्रेस को तीन सीटों पर जीताऊ उम्मीदवार का चयन मुसीबत बन गया है। भाजपा को गोविंदपुरा और भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र से दमदार प्रत्याशी की तलाश है, तो कांग्रेस को हुजूर, मध्य के साथ गोविंदपुरा सीटों पर जीताऊ उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं। वहीं दोनों दलों में दावेदारों के घमासान ने भी दलों की चिंता बढ़ाई है। 

कांग्रेस के बगावक के आसार

कांग्रेस के सामने एक भोपाल दक्षिण पर बगावत के आसार भी नजर आ रहे हैं। राजधानी भोपाल के सात विधानसभा क्षेत्रों भोपाल दक्षिण-पश्चिम, भोपाल मध्य, भोपाल उत्तर, गोविंदपुरा, नरेला, हुजूर और बैरसिया में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने भोपाल दक्षिण-पश्चिम, बैरसिया और नरेला में प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, वहीं कांग्रेस ने भोपाल उत्तर सीट पर अपना प्रत्याशी आरिफ अकील को बनाया है। जबकि भाजपा ने मध्य विधानसभा क्षेत्र से सुरेन्द्र नाथ सिंह और हुजूर से रामेश्वर शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। 

भाजपा का गढ़ है यह विधानसभा क्षेत्र 

गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र जो भाजपा को गढ़ माना जाता है, इस सीट पर भाजपा अभी नाम तय नहीं कर पाई है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर अपनी दावेदारी जता रहे हैं। वहीं भाजपा उम्र का हवाला देकर उनका टिकट काटना चाहती है। यह सीट भाजपा के लिए एक अनार सौ बीमार वाली कहावत के रुप में चरितार्थ हो रही है। 

पहले सीएम का नाम आ रहा था सामने

पहले संघ के कहने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम इस सीट पर उम्मीदवार के रुप में लिया जा रहा था। वहीं पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष तपन भौमिक, नगर निगम भोपाल के महापौर आलोक शर्मा, मनोरंजन मिश्र, शैलेन्द्र शर्मा सहित आधा दर्जन भाजपा नेता इस सीट पर अपनी दावेदारी जताते हुए चुनाव मैदान में उतरना चाह रहे हैं, जबकि गौर ने उनके स्थान पर बहू कृष्णा गौर का नाम संगठन के सामने रख दिया है। इस सीट पर भाजपा के अलावा कांग्रेस को भी जीताऊ उम्मीदवार की तलाश है। कांग्रेस यहां पर बगावत होता देख रही है और उम्मीद लगा रही है कि कृष्णा गौर को कांग्रेस में लाकर चुनाव मैदान में उतारा जाए। 

भोपाल दक्षिण-पश्चिम पर मचा घमासान

भाजपा के दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने पी।सी।शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। इस क्षेत्र में आम आदमी पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया है। टिकट वितरण के बाद यह माना जा रहा था कि यहां त्रिकोणीय मुकाबला तय है, मगर अचानक कांग्रेस की ओर से व्यापमं घोटाले मामले में जेल से छूटकर आए संजीव श्रीवास्तव ने कांग्रेस उम्मीदवार की घोषणा के साथ निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में मैदान में उतरने की बात कही है। श्रीवास्तव ने यहां पर कांग्रेस की चिंता को बढ़ा दिया है।

मध्य में मचा घमासान

राजधानी के मध्य विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने सुरेन्द्र सिंह को उम्मीदवार बना दिया है, जबकि कांग्रेस ने यहां प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है। मुस्लिम बाहुल इस क्षेत्र से कांग्रेस के सामने भाजपा की ओर से पूर्व विधायक धु्रवनारायण सिंह ने फिर मोर्चा खोला है। सिंह समर्थकों ने एकजुट होकर सिंह को मैदान में उतरने की बात कही है। ध्रुवनारायण सिंह अगर चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा के लिए यह मुसीबत बन जाएगी। ध्रुवनारायण के अलावा इस सीट पर भाजपा की ओर से शैलेन्द्र शर्मा भी प्रयास कर रहे हैं। शर्मा मध्य के साथ गोविंदपुरा पर भी नजरें टिकाए हुए हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से इस सीट पर नासिर इस्लाम जिन्होंने पूर्व में चुनाव लड़ा था और हार मिली थी, प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा आरिफ मसूद और साजिद अली भी प्रयास कर रह हैं।

अकील का नहीं मिल रहा तोड़

भाजपा को भोपाल उत्तर की सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी आरिफ अकील का तोड़ नहीं मिल रहा है। भाजपा यहां पर दमदार और जीताऊ उम्मीदवार तलाश रही है, मगर उसे प्रत्याशी नहीं मिल रहा है। भाजपा की ओर से भक्ति शर्मा, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शफकत मोहम्मद और भाई उद्धवदास मेहता के पोते दीपक मेहता ने उम्मीदवारी जताई, मगर भाजपा यहां पर फैसला नहीं कर पा  रही है। भाजपा इस सीट पर अकील का तोड़ तलाश रही है, मगर उसे नहीं मिल रहा है।

नरेला में पुराने प्रतिद्वंदी आमने-सामने

भोपाल की नरेला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के सहकारिता राज्य मंत्री विश्वास सारंग प्रत्याशी है। उनके सामने कांग्रेस की ओर से पिछला चुनाव हारे डा।महेन्द्र सिंह चौहान हैं। चौहान 2008 में भी बुधनी से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ प्रत्याशी बनाए गए थे और चुनाव हार गए हैं। कांग्रेस ने यहां पर दो बार हारे हुए दावेदार पर दाव खेला है, मगर कांग्रेस के उस क्षेत्र के अन्य नेता इससे खफा नजर आ रहे हैं।

हुजूर में कांग्रेस को बागी की उम्मीद

हुजूर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के रामेश्वर शर्मा फिर से मैदान में हैं। इस बार उनके खिलाफ विरोध भी जमकर है, मगर भाजपा ने उन्ही पर भरोसा जताया है। रामेश्वर को अपनों से ही खतरा है। कांग्रेस को यहां पर जीताऊ उम्मीदवार नहीं मिल रहा है। इस वजह से कांग्रेस यहां पर नाराज भाजपा नेताओं पर नजरें गढ़ाए हुए है। कांग्रेस को भरोसा है कि पूर्व विधायक जीतेन्द्र डागा को वह अपने पाले में लाकर कांग्रेस का उम्मीदवार बना सकती है, मगर अब तक डागा ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

बैरसिया में विष्ण खत्री के खिलाफ कांग्रेस की जयश्री

बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने विधायक विष्णु नखत्री को टिकट दिया है। यहां पर कांग्रेस ने जाती समीकरण बैठाकर महिला कांग्रेस ग्रामीण की अध्यक्ष जयश्री हरिकरण को प्रत्याशी घोषित किया है। जयश्री के पक्ष में माहौल कितना बनता है यह कहा नहीं जा सकता, मगर भाजपा को यहां पर वर्तमान विधायक का स्थानीय नेताओं द्वारा किया जाने वाला विरोध का भय सता रहा है।

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