मध्य प्रदेश चुनाव 2018: विधायकी का टिकट पाने के लिए ऐसे भगवान राम को मना रहे हैं उम्मीदवार
By बृजेश परमार | Updated: November 1, 2018 15:33 IST2018-11-01T15:33:06+5:302018-11-01T15:33:06+5:30
Madhya Pradesh Elections (मध्य प्रदेश चुनाव ) 2018: टिकट की चाह रखने वाले इसे खुद न करते हुए अपने खास सिपहसालारों के माध्यम से अंजाम दे रहे हैं।

जप-तप करते टिकट की चाह रहने वाले
सनातन परंपरा में जीत के लिए किवंदती है कि पुरातन काल में राजसु यज्ञ, भगवान राम ने अश्वमेघ यज्ञ किया था। वैसे ही विधानसभा चुनाव 2018 के लिए धर्म नगरी उज्जैन में तंत्र ,मंत्र और यंत्र के माध्यम से तांत्रिक और मांत्रिक अनुष्ठानों का दौर टिकिट पाने की चाह के साथ ही जीत के लिए किया जा रहा है। इसमें जप के लिए गुरूकुल के बटुकों का सहारा भी लिया जा रहा है। तांत्रिक अनुष्ठान भी करवाए जा रहे हैं।
टिकट की चाह रखने वाले इसे खुद न करते हुए अपने खास सिपहसालारों के माध्यम से अंजाम दे रहे हैं। खास बात यह है कि उनका नाम भी गुप्त रखा जा रहा है और उस नाम के साथ ही विशेष जप,और तांत्रिक मांत्रिक अनुष्ठान भी किए जा रहे हैं। इसके लिए पर्याप्त जप किए जाते हैं।
तंत्र अनुष्ठान में बीज मंत्रों के आधार पर संबंधित के लिए जप होते हैं।ये जप लाखों से करोडों में होते हैं। इनको निर्धारित दिनों में किए जाने के लिए गुरूकुल के बटुकों सहित कई ब्राम्हणों को एक साथ बैठाकर पूर्ण जप के लिए अनुबंधित किया जाता है। इसके लिए बकायदा पंडितों को एक अनुबंधित राशि इस कार्य को करवाने वाले टिकिट और जीत की चाह रखने वाले स्वंय सामने न आकर अपने खास सिपहसालारों के माध्यम से अंजाम दे रहे हैं।
शहर के कुछ मंदिरों सहित कुछ धार्मिक स्थलों पर पिछले कुछ दिनों से ऐसे ही जप कार्यों के लिए जमकर गुरूकुल के बटुक और पंडित प्रतिदिन जुट रहे हैं। यहां बैठकर ये संयुक्त रूप से जप के साथ अन्य इसी प्रकार के तांत्रिक मांत्रिक कार्यो को आध्यात्मिक रूप से अंजाम दे रहे है।बकायदा इन्हे प्रति दिन के मान से पैसा दिया जाता है।हाल यह हैं कि गुरूकुलों के बटुक पुरी तरह जप के कार्य में व्यस्त हैं।
पं रोहित मिश्र केअनुसार कार्य मे,व्यापार में,चुनाव में, कॉम्पिटिशन में सफलता प्राप्ति के लिए विशेष अनुष्ठान करवाए जाते हैं। इनमें शतचण्डी, सहस्त्रचण्डी, रुद्राभिषेक, आदित्यहृदय स्तोत्र, अथर्वशीर्ष पाठ, नवग्रह जाप आदि ग्रह गोचर को देखते हुए किए जाते हैं। चुनाव में जीत के लिए विशेष पूजन अनुष्ठान योग्य ब्राह्मणों द्वारा करवाए जाते हैं । जन्मकुंडली में घटित होने वाले योग की शांति उपाय और उन्हें शक्तिशाली करने के उपाय इनके तहत किए जाते हैं।
कई तंत्र क्रियाएं भी
टिकिट और चुनाव जीत के लिए मंदिरों में कई प्रकार के तांत्रिक और मांत्रिक तंत्र क्रियाएं भी की जा रही है। इन्ही में शिव लिंग को सरसों के तेल से अभिषेक करना आदि शामिल हैं।
चुनाव जितने के लिए कुंडली अनुसार शक्ति के तंत्र अनुष्ठान किए जाते है जो जातक की कुंडली अनुसार गृहों की शक्ति अनुसार गृहों की शक्तियों के माध्यम से विजयी करने वाली शक्ति का तंत्र अनुष्ठान किया जाता है। बकौल पं प्रणयन एम पाठक जैसे किसी जातक को कुंडली में विजयी करने वाले गृह काली कारक हैंतो दक्षिणकाली, भद्रकालीका तंत्र अनुष्ठान किया जाता है।
इसी प्रकार किसी के लिए काली, तारा, प्रत्यंगिरा, त्रिपुर सुंदरी, मंगल चंडी, भैरवी, भैरव, नृसिंह, भुवनेश्वरी, बगलामुखी आदि अनेक प्रकार के प्रयोग जातक की कुंडली अनुसार किए जाते हैं। चुनाव जीतने के लिए सबसे तीव्र फलदायी और हमारे द्वारा अधिक किए जाने वाले प्रयोगों में विपरित प्रत्यंगिरा, दक्षिणेश्वरी, त्रिपुर सुंदरी एवं कामख्या सर्वाधिक की जाती है।
टिकिट प्राप्ति के लिए भी यही प्रयोग किए जाते हैं।इनमें टिकिट प्राप्ति के लिए ब्राम्हणी प्रत्यंगिरा,चुनाव जीतने कि लिए नारायणी प्रत्यंगिरा ,शत्रुंजय के लिए रौद्री प्रत्यंगिरा का अनुष्ठान शीघ्र फलदायी एवं शुभ होते हैं ।
कई विशेष मंदिरों पर चौला और यज्ञ, हवन
उज्जैन चमत्कारी मंदिरों की नगरी है यहां के देव स्थलों को लेकर तमाम किवंदंती आज भी सार्थक रूप में बताई जाती है।टिकिट की चाह रखने वाले प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के कई टिकिट की चाह रखने वाले उज्जैन के साथ ही आगर मालवा जिले के तांत्रिक स्थली नलखेड़ा में मां बगलामुखी मंदिर पर प्रतिदिन हवन करवा रहे हैं। यहां तक की मां का स्वर्ण बरक अर्पण कर चौला चढ़ाया जा रहा है।
मन्नत अनुसार यहां बाकी कुछ अर्पण किया जाता है।मंदिर से जुडे पं। कैलाश चंद्र शर्मा गुराडिया वाले गुरूजी बताते हैं शत्रु स्तंभन के लिए प्रतिदिन 4-5 राजनेता और उनके प्रतिनिधि यहां आकर यक्ष करवा रहे हैं।इसी प्रकार उज्जैन के भुखी माता पर विशेष चोला और हवन भी प्रतिदिन टिकिट की चाह रखने वालों की और से हो रहे हैं तो काल भैरव, विक्रांत भैरव पर भी तांत्रिक क्रियाएं की जा रही है।
