MP चुनावः BJP में थम नहीं रहे टिकट को लेकर दावेदारों के बगावती तेवर, अब सरताज हुए खफा
By राजेंद्र पाराशर | Published: November 5, 2018 05:25 AM2018-11-05T05:25:45+5:302018-11-05T05:25:45+5:30
सरताज ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। रविवार को जब उनका बयान आया तो भाजपा में हड़कंप मच गया और खनिज निगम के अध्यक्ष शिव चौबे उनके निवास पहुंचे और बंद कमरे में काफी देर चर्चा की।
मध्यप्रदेश भाजपा में पहली सूची आने के बाद उठे विरोध के स्वर और मुखर होते जा रहे हैं। टिकट को लेकर वंचित रहे विधायकों के अलावा जिन्हें टिकट कटने की आशंका है, वे लगातार बगावती तेवर दिखा रहे हैं। इन नेताओं में पूर्व मंत्री बाबूलाल गौर, पूर्व मंत्री सरताज सिंह शामिल हैं। सरताज सिंह ने रविवार को टिकट कटने की आशंका के चलते निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ने के संकेत भी दे डाले। सरताज की नाराजगी को देख संगठन ने उन्हें मनाने की कवायद भी शुरु कर दी है। वहीं बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में मैदान में उतारने की बात कही है।
पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा
होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा विधानसभा सीट से विधायक सरताज सिंह के टिकट काटने का इशारा संगठन पहले दे चुका है। हालांकि अभी भाजपा ने यहां पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, मगर सरताज सिंह को इस बात का अंदेशा है कि उन्हें जिस तरह उम्र का हवाला देकर पार्टी से बाहर किया गया, उसी तरह इस बार टिकट से वंचित किया जाएगा। भाजपा की पहली सूची में विधायकों के टिकट कटता देख अब सरताज सिंह ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला है। उन्होंने कहा कि जनता और कार्यकर्ता चाहता है कि वे चुनाव लड़ें, मैं दोनों का सम्मान करुंगा, टिकट न मिलने पर जनता के बीच जाऊंगा और चर्चा के बाद फैसला करुंगा।
निर्दलीय चुनाव लड़ने के दिए संकेत
सरताज ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। रविवार को जब उनका बयान आया तो भाजपा में हड़कंप मच गया और खनिज निगम के अध्यक्ष शिव चौबे उनके निवास पहुंचे और बंद कमरे में काफी देर चर्चा की। शिव चौबे होशंगाबाद से ही हैं और सरताज सिंह से उनकी घनिष्ठता भी है, मगर इस मामले में सरताज सिंह चौबे की कितनी बात मानते हैं, यह कहना अभी संभव नहीं है।
कृष्णा गौर ने कहा वे लड़ेंगी चुनाव
राजधानी भोपाल के गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से लगातार विधायक बन कर इतिहास रचने वाले पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर भी टिकट कटने की आशंका के चलते नाराज चल रहे हैं। उन्होंने शनिवार को अपने निवास पर अपने समर्थकों के साथ बैठक की। गौर ने फिलहाल तो दो दिन का मौन साध रखा है, मगर साफ संकेत दिए हैं कि अगर उनका टिकट कटा और उनकी पुत्रवधू कृष्णा गौर को टिकट नही दिया तो वे भी कोई कदम उठाएंगे। हालांकि गौर ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, मगर कृष्णा गौर ने साफ तौर पर कहा कि वे किसी भी हालात में गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरेंगी। कयास इस बात के भी लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ टिकट कटने के बाद गौर को कांंग्रेस में लाने का प्रयास कर रहे है। कमलनाथ और गौर की चर्चा भी हुई है, मगर दोनों नेता इस चर्चा को नकार रहे हैं।
कांग्रेस ने कहा सरताज, गौर का है स्वागत
मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया सेल की प्रभारी शोभा ओझा ने कहा कि सरताज सिंह और कृष्णा गौर का कांग्रेस में स्वागत हे। टिकट मिलना ना मिलना तो शीर्ष नेतृत्व तय करेगा, मगर प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ कह चुके हैं कि साफ छवि और कांग्रेस की विचारधारा रखने वाले नेताओं का कांग्रेस में स्वागत है।
व्यक्ति ना तो सीट बनाता है और ना ही बिगाड़ता है
कृष्णा गौर के गोविंदपुरा सीट को बाबूलाल गौर द्वारा भाजपा की सीट बनाने के बयान पर पर्यटन निगम के अध्यक्ष तपन भौमिक ने कहा कि व्यक्ति कोई सीट ना तो बनाता है और ना ही बिगाड़ता है। भाजपा की साखा भाजपा के कार्य और भाजपा की सीट है गोविंदपुरा। उन्होंने कहा कि भाजपा गोविंदपुरा से जिसको भी टिकट देगी, वह प्रत्याशी प्रचंड मतों से जीतेगा। कृष्णा गौर के निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कहने पर उन्होंने कहा कि इसके लिए पार्टी के पदाधिकारी ही तय करेंगे और वे निर्णय लेंगे।
सिर झुकाकर मानते हैं पार्टी का फैसला
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने बगावत को लेकर कहा कि पार्टी से कोई बड़ा नहीं होगा, पार्टी बड़ी होती है। कृष्णा गौर के बयान पर उन्होंने कहा कि जब तक प्रत्याशी का फैसला नही होता तब तक सभी अपनी बात कह सकते हैं, लेकिन पार्टी के फैसले के बाद सभी को पार्टी का निर्णय सिर झुकाकर मानना पढ़ता है।