मध्य प्रदेश चुनाव: नतीजों के पहले मुख्यमंत्री की दौड़, कांग्रेस में कमलनाथ समर्थक हुए गोलबंद, सिंधिया समर्थक भी हो रहे हैं मुखर
By शिवअनुराग पटैरया | Published: December 6, 2018 08:29 PM2018-12-06T20:29:56+5:302018-12-06T20:35:56+5:30
कांग्रेस के प्रत्याशियों की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के द्वारा बुलाई गई बैठक में पहुंचे कमलनाथ समर्थकों ने मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ को भविष्य के मुख्यमंत्री के तौर पर प्रस्तुत किया।
मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव के परिणाम भले ही 11 दिसंबर को आएंगे, लेकिन कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर गोलबंदी तेज हो गई है। वहीं भाजपा में स्थिति स्पष्ट है कि बहुमत मिलने पर शिवराज सिंह चौहान ही मुख्यमंत्री होंगे।
आज कमलनाथ समर्थक लगभग आधा दर्जन विधायकों ने मीडिया से बातचित करते हुए कमलनाथ को बहुमत मिलने पर मुख्यमंत्री बनाने की मांग की। वहीं इस मामले में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए दूसरे चेहरे के तौर पर प्रस्तुत ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक भी उनके समर्थन में आवाज बुलंद कर रहे हैं।
कांग्रेस के प्रत्याशियों की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के द्वारा बुलाई गई बैठक में पहुंचे कमलनाथ समर्थकों ने मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ को भविष्य के मुख्यमंत्री के तौर पर प्रस्तुत किया। कांग्रेस विधायक रजनीश सिंह, आर के दोगने निशंक जैन ने खुले तौर पर कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने की बात करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में कांग्रेस के विधायक और इस चुनाव में उतरे प्रत्याशी यही मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस में मुख्यमंत्री के दूसरे चेहरे के तौर पर प्रस्तुत ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक ज्यादातर विधायक और प्रत्याशी सामान्य रूप से चुप्पी साधे हुए हैं लेकिन आज उनके दो समर्थकों ने सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही। इनमें एक हेमंत कटारे और दूसरे महेंद्र सिंह हैं।
कांग्रेस में मुख्यमंत्री की इस दौड़ में भले ही दिग्विजय सिंह खुद शरीक न हों लेकिन उनके समर्थक एकजुट हो रहे हैं। उनको लग रहा है कि अंतिम क्षणों में जिस तरह कांग्रेस में बहुत से परिवर्तन हो जाते हैं उस तरह की स्थिति बनने पर दिग्विजय सिंह या अजय सिंह को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रस्तुत किया जा सकता है।
इस सबके बीच दिग्विजय सिंह समर्थक गोविंद सिंह ने कहा कि कमलनाथ ने खुद अभी अपने आपको उम्मीदवार घोषित नहीं किया है हो सकता है कि वे उम्मीदवार ही न हों।
वे कहते हैं कि 1993 में दिग्विजय सिंह को विधायकों ने चुना था। इस बार भी जो मुख्यमंत्री बनेगा उसे विधायक चुनेंगे। कांग्रेस के विपरीत भाजपा में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कोई संशय नहीं है।
भाजपा ने अपने विज्ञापन की पंच लाइन में ही घोषित कर दिया था कि माफ करो महराज हमारा नेता शिवराज। वैसे इस बारे में न तो भाजपा के प्रत्याशी और न ही विधायक और न ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बोल रहे हैं। मतगणना के ठीक पूर्व 8 दिसंबर को भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की बैठक जरूर बुलाई है हो सकता है कि उसमें कुछ आवाजें उठें या न उठें।