कोरोना महामारी के दौरान भी मध्यप्रदेश ने 2020-21 में शराब, ईंधन की बिक्री से अधिक राजस्व अर्जित किया

By भाषा | Updated: August 10, 2021 20:44 IST2021-08-10T20:44:57+5:302021-08-10T20:44:57+5:30

Madhya Pradesh earned more revenue from sale of liquor, fuel in 2020-21 even during corona pandemic | कोरोना महामारी के दौरान भी मध्यप्रदेश ने 2020-21 में शराब, ईंधन की बिक्री से अधिक राजस्व अर्जित किया

कोरोना महामारी के दौरान भी मध्यप्रदेश ने 2020-21 में शराब, ईंधन की बिक्री से अधिक राजस्व अर्जित किया

भोपाल, 10 अगस्त मध्यप्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के बावजूद वर्ष 2019-20 की तुलना में वर्ष 2020-21 में शराब बिक्री से 26.14 प्रतिशत तथा पेट्रोल की बिक्री से 22.39 प्रतिशत अधिक राजस्व एकत्र किया।

कांग्रेस विधायक मेवाराम जाट के प्रश्न के उत्तर में प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने मंगलवार को विधानसभा में यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 के दौरान शराब पर वैट (मूल्य वर्धित कर) के तौर पर राजस्व संग्रह इससे पिछले वर्ष (2019-20) की तुलना में 26.14 फीसद बढ़कर 1183.58 करोड़ रुपये रहा। वर्ष 2019-20 में 938.28 करोड़ रुपये जबकि 2018-1 में 632.27 करोड़ रुपये शराब पर लगे वैट से एकत्र हुआ था।

देवड़ा ने बताया कि पेट्रोल पर बिक्री से वैट के रूप में राजस्व संग्रह 2019-20 में जहां 4263.42 करोड़ रुपये था। वहीं 2020-21 में यह 22.39 प्रतिशत बढ़कर 5217.79 करोड़ रुपये हो गया जबकि वर्ष 2018-19 में पेट्रोल पर लगे वैट से 3779.06 करोड़ रुपये सरकार को राजस्व के तौर पर मिले थे।

मंत्री के जवाब के मुताबिक प्रदेश सरकार ने 2020-21 में डीजल पर लगे वैट के माध्यम से 6690 करोड़ रुपये एकत्र किए जो कि 2019-20 में एकत्र किए गए 5773.65 करोड़ रुपये से 15.88 प्रतिशत अधिक है। वहीं वर्ष 2018-19 में डीजल बिक्री से 5256.89 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था।

सदन को बताया गया कि प्रदेश सरकार पेट्रोल पर 33 प्रतिशत वैट, 4.5 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त कर और टर्न ओवर पर एक प्रतिशत उपकर वसूल रही है।

इसी तरह राज्य सरकार डीजल पर 23 प्रतिशत वैट, तीन रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त कर और टर्न ओवर पर एक प्रतिशत उपकर वसूल रही है।

वित्त मंत्री ने बताया कि दुकानों पर शराब की बिक्री पर 10 प्रतिशत वैट तथा रेस्तरां और बार में शराब की बिक्री पर 18 प्रतिशत वैट है।

इस सवाल पर चर्चा के दौरान देवड़ा ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने पहले पेट्रोल पर वैट 31 प्रतिशत से घटाकर 28 फीसदी किया था लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार ने इसे बढ़ाकर 33 फीसदी कर दिया।

उन्होंने कहा कि इसी तरह भाजपा सरकार ने डीजल पर वैट 22 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया था, लेकिन कमलनाथ सरकार ने इसे बढ़ाकर 23 प्रतिशत कर दिया।

इस बीच, विपक्ष के नेता कमलनाथ ने मांग की कि लोगों को राहत देने के लिए करों को कम किया जाए और राज्य सरकार को चुनौती दी कि वह महंगाई पर सदन में चर्चा कराए और इस मामले में कांग्रेस द्वारा प्रस्तुत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को स्वीकार करे।

इसके बाद, महंगाई के विरोध में नारेबाजी करते हुए कांग्रेस के विधायक आसन की सामने आ गए जिसके कारण अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी।

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Web Title: Madhya Pradesh earned more revenue from sale of liquor, fuel in 2020-21 even during corona pandemic

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