यूपी के बाद एमपी में भी 'लव जिहाद' पर सख्त कानून, 10 साल सजा का प्रावधान, शिवराज सरकार ने दी मंजूरी

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: December 26, 2020 19:31 IST2020-12-26T16:37:39+5:302020-12-26T19:31:03+5:30

मध्य प्रदेश की मंत्रिपरिषदः विधेयक को विधानसभा के आसन्न सत्र में पेश किया जाएगा और इसके विधानसभा में पारित होते ही 1968 वाला धर्म स्वातंत्र्य विधेयक समाप्त हो जाएगा.

madhya pradesh draft bill against love jihad cabinet approves freedom of religion bill 2020 cm shivraj singh chouhan bhopal | यूपी के बाद एमपी में भी 'लव जिहाद' पर सख्त कानून, 10 साल सजा का प्रावधान, शिवराज सरकार ने दी मंजूरी

मध्य प्रदेश की मंत्रिपरिषद ने शनिवार को ‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020’ को मंजूरी दे दी है. (file photo)

Highlights28 से 30 दिसंबर के बीच मध्य प्रदेश विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र आयोजित किया जायेगा.कानून का उल्लंघन करने पर एक से 10 साल की सजा एवं अधिकतम एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.मध्य प्रदेश सरकार ने इस विधेयक को काफी कठोर बनाने की कोशिश की है.

भोपालः उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेशलव जिहाद रोकने के लिए कानून बनाने जा रहा है. इसको लेकर आज राज्य मंत्रिमंडल ने ‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020’ के प्रारूप को मंजूरी दे दी.

अब इस विधेयक को 28 दिसंबर से हो रहे राज्य विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा. अब इसे 28 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा. राज्य सरकार के अनुसार भारत के संविधान के अनुच्छेद 25,26,27 और 28 के तहत भारत के सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान की गयी है.

इस अधिकार का उद्देश्य भारत में धर्म निरपेक्षता की भावना को बनाये रखना है. मध्य प्रदेश राज्य में वर्ष 1968 में धर्म स्वातन्त्रय अधिनियम पारित किया गया था एवं वर्ष 1969 में इसके नियम बनाये गये थे. वर्तमान परिवेश में उक्त अधिनियम के प्रावधान पर्याप्त नही होने से मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक,2020 को विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिये मंत्रि- परिषद ने अनुमोदित किया है.

गृह एवं जेल मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने विधेयक के प्रारूप को पारित करने की जानकारी देते हुए बताया कि  'इस नए विधेयक के तहत, किसी पर धार्मिक परिवर्तन के लिए मजबूर करने पर 1-5 साल की कैद और न्यूनतम 25,000 रुपए का जुर्माना होगा'. वहीं, नए म.प्र. धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2020 के तहत, एक नाबालिग, महिला या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का जबरन धर्म परिवर्तन, 50,000 रुपए के न्यूनतम दंड के साथ 2-10 साल की न्यूनतम जेल की सजा का प्रावधान है.

विधेयक में कुल 19 प्रावधान किए गए है.  डा. मिश्रा ने संवाददाताओं को बताया कि धर्म स्वातंत्र्य (धार्मिक स्वतंत्रता) विधेयक 2020 को विशेष कैबिनेट बैठक में मंजूरी के बाद अब विधानसभा में पेश किया जाएगा.  गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही इस विधेयक को लेकर पहले ही कह चुके हैं कि अब प्रदेश में कोई भी व्यक्ति किसी को बहला-फुसलाकर, डरा-धमका कर शादी कर या षडयंत्र कर धर्म परिवर्तन नहीं करा पाएगा. ऐसा करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Web Title: madhya pradesh draft bill against love jihad cabinet approves freedom of religion bill 2020 cm shivraj singh chouhan bhopal

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