झाबुआ उपचुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी में उभरे मतभेद, विधायक ने प्रदेश अध्यक्ष से मांगा इस्तीफा, संगठन ने दिया नोटिस
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 26, 2019 06:10 AM2019-10-26T06:10:26+5:302019-10-26T06:10:26+5:30
मध्यप्रदेश में झाबुआ उपचुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद अब संगठन में मतभेद उभरने लगे हैं. हार के लिए सीधी विधानसभा के विधायक केदारनाथ शुक्ला ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह को जिम्मेदार ठहराया है.
मध्यप्रदेश के झाबुआ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली करारी हार के बाद संगठन में मतभेद उभरने लगे हैं. सीधी के विधायक केदारनाथ शुक्ला ने प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह से इस्तीफे की मांग कर डाली, जिसे लेकर संगठन ने विधायक को नोटिस थमा कर जवाब मांगा है.
मध्यप्रदेश में झाबुआ उपचुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद अब संगठन में मतभेद उभरने लगे हैं. हार के लिए सीधी विधानसभा के विधायक केदारनाथ शुक्ला ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह को जिम्मेदार ठहराया है.
शुक्ला ने गुरुवार को चुनाव परिणाम आने के बाद बयान दिया कि राकेश सिंह सही तरीके से प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे हैं. वे प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहने के लायक नहीं हैं, उनके कारण ही मध्यप्रदेश में भाजपा चौपट हो रही है.उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व से मांग करते हुए कहा कि राकेश सिंह को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया जाना चाहिए. मेरे पास बहुत सारे ऐसे कारण हैं जो राकेश सिंह को हटाने के लिए काफी है. उचित समय आने पर फोरम के सामने बात रखूंगा.
विधायक शुक्ला का बयान आने के बाद संगठन सक्रिय हुआ और देर रात को ही प्रेस कांफे्रंस कर शुक्ला को कारण बताओ नोटिस देने की जानकारी मीडिया में दी. सांसद विष्णु शर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि केंद्र ने विधायक शुक्ला के बयान को अनुशासनहीनता माना है और इसलिए उन्हें नोटिस दिया गया है. नोटिस का जवाब आने पर अगली कार्रवाई की जाएगी.
सांसद शर्मा ने कहा है कि झाबुआ चुनाव में टिकट वितरण से लेकर पूरी रणनीति किसी एक व्यक्ति ने नहीं बल्कि पूरे संगठन ने तय की थी. ऐसी स्थिति में हार के लिए कोई एक व्यक्ति जिम्मेदार नहीं हो सकता. शर्मा ने लोकसभा चुनाव में मिली सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के नेतृत्व में ही 29 में से 28 सीटें जीती हैं. भाजपा उपचुनाव पहली बार नहीं हारी है, इससे पहले हम सत्ता में रहते हुए भी उप चुनाव हारे हैं. पार्टी की जीत और हार में सामूहिक नेतृत्व होता है.
गौरतलब है कि भाजपा ने झाबुआ विधानसभा सीट से उप चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी. पार्टी के सभी बड़े दिग्गज नेता जीत का दावा कर रहे थे. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर पार्टी अध्यक्ष राकेश सिंह भी झाबुआ में जीत का दावा कर रहे थे. यही नहीं नतीजों से पहले तक भाजपा नेताओं का दावा था कि झाबुआ उप चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी, लेकिन अब नतीजे आने के बाद पार्टी नेता कमलनाथ सरकार पर सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगाते दिखाई दिए.
गौरतलब है कि भाजपा ने झाबुआ विधानसभा सीट से उप चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी. पार्टी के सभी बड़े दिग्गज नेता जीत का दावा कर रहे थे. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से लेकर पार्टी अध्यक्ष राकेश सिंह भी झाबुआ में जीत का दावा कर रहे थे. यही नहीं नतीजों से पहले तक भाजपा नेताओं का दावा था कि झाबुआ उप चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी, लेकिन अब नतीजे आने के बाद पार्टी नेता कमलनाथ सरकार पर सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगाते नजर आ रहे हैं.
न नोटिस की चिंता, न मागूंगा माफी
सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला ने अपने बयान को लेकर कहा कि उन्होंने जो बात कही है, वह सच है. उन्होंने पार्टी द्वारा दिए गए नोटिस की चिंता नहीं है और न ही वे अपने बयान को लेकर माफी मांगेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का पता था कि मेरे इस बयान के बाद मुझे नोटिस मिलेगा, मगर ये मेरे अपने व्यक्तिगत विचार हैं. उन्होंने जो भी कदम उठाया है, वह सोच-समझ कर ही उठाया है.
शिवराज को किया दिल्ली तलब
झाबुआ उपचुनाव में हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दिल्ली तलब किया गया है. जानकारी के अनुसार, चुनाव नतीजों के बीच ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार दोपहर इंदौर से दिल्ली के लिए रवाना हो गए. इंदौर में वो संभागीय बैठक के लिए पहुंचे थे लेकिन इस दौरान उन्हें दिल्ली पहुंचने का संदेश मिला था. इसके बाद वे बैठक छोड़कर दिल्ली रवाना हो गए थे.
कांग्रेस नहीं भाजपा में चलती है अनुशासनहीनता
भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला के द्वारा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के ऊपर सवाल उठाए जाने पर मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि प्रदेश के एक पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने भी केदारनाथ शुक्ला के लिए कमेंट किया है, कि ये कांग्रेस नहीं है जहां अनुशासनहीनता चलेगी, लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि कांग्रेस में अनुशासनहीनता नहीं चलती है. गौरतलब है कि शुक्ला के बयान आने के बाद उन पर की गई कार्रवाई को लेकर पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा था कि भाजपा में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. कार्यकर्ता को अनुशासन में रहना होगा. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में इस तरह की अनुशासनहीनता चलती है, भाजपा में नहीं.
अभी और भी दिखाएंगे आईना
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि झाबुआ चुनाव परिणाम आते ही भाजपा में सिर फुटव्वल जारी है. उन्होंने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय, विधायक केदार शुक्ला, रघुनंदन शर्मा और वरिष्ठ नेता मेहराज जैन ने संगठन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को अभी और भी कई नेता ऐसे हैं जो आईना दिखाने की तैयारी में हैं.