MP: मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की राज्यपाल से मुलाकात, मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें हुईं तेज
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: July 31, 2019 20:34 IST2019-07-31T20:33:15+5:302019-07-31T20:34:05+5:30
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने और राज्यपाल की 45 मिनट तक राजभवन में चर्चा हुई है. इसके बाद राज्य में एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों ने जोर पकड़ा है. हालांकि मुख्यमंत्री ने इस तरह की अटकलों को खारिज किया और मुलाकात को सौजन्य मुलाकात बताया.

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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की बुधवार (31 जुलाई) को राज्यपाल लालजी टंडन से हुई मुलाकात के बाद राज्य मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई है. हालांकि मुख्यमंत्री की ओर से इस मुलाकात को सौजन्य भेंट बताया गया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन से राजभवन पहुंचकर मुलाकात की.
45 मिनट तक दोनों के बीच हुई राजभवन में चर्चा के बाद राज्य में एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों ने जोर पकड़ा है. हालांकि मुख्यमंत्री ने इस तरह की अटकलों को खारिज किया और मुलाकात को सौजन्य मुलाकात बताया.
उन्होंने कहा कि राज्यपाल से उनकी सरकार के कामकाज को लेकर चर्चा हुई है. उन्होंने प्रदेश की चुनौतियों के बारे में राज्यपाल से चर्चा की है.दरअसल लोकसभा चुनाव के बाद से ही राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. पहले माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, फिर राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के बाद विस्तार की बातें कही गई थी.
इसके चलते आज हुई मुख्यमंत्री की राज्यपाल से मुलाकात के बाद फिर से मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों ने जोर पकड़ा है. चर्चा इस बात को लेकर है कि आगामी कुछ दिनों में मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं. इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि आधा दर्जन विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है.
लोकसभा चुनाव के बाद से ही बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों के अलावा अलग-अलग गुटों के कांग्रेस विधायक भी मंत्री बनने के लिए लगातार दबाव बनाते रहे हैं. बसपा और निर्दलीय विधायक तो मंत्री न बनाए जाने को लेकर नाराजगी दिखाते हुए मुख्यमंत्री को चेतावनी तक दे चुके हैं.
सूत्रों की मानें तो अगर विस्तार होता है तो कांग्रेस विधायक के.पी.सिंह, बिसाहूलाल, एंदल सिंह कंसाना के अलावा राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को मंत्री बनाया जा सकता है. इसके अलावा बसपा की रामबाई और निर्दलीय सुरेन्द्र सिंह ठाकुर, सपा के संजीव सिंह और निर्दलीय केदार सिंह डाबर के मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं.
नियुक्ति से पहले लेनी होगी अनुमति
मंत्रिमंडल विस्तार के अलावा राज्य में राजनीतिक नियुक्तियां भी अटकी हुई हैं. कुछ नियुक्तियां तो हुई, मगर विवाद भी तेजी से हुआ. इस विवाद को देखते हुए अब आलाकमान से निर्देश दिए हैं कि उनकी जानकारी में लाकर ही नियुक्तियां की जाएं.आलाकमान के इस निर्देश के बाद फिलहाल निगम-मंडलों में नियुक्ति का मामला अटक गया है.
अब तक हुई नियुक्तियों में से माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति, मैपकास्ट में चेयरमैन और अपेक्स बैंक में प्रशासक की नियुक्ति की शिकायतें कांग्रेस आलाकमान तक पहुंची हैं. हाल ही में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में सदस्य की नियुक्ति से भी राष्ट्रीय नेतृत्व नाखुश नहीं है. इसके अलावा मंत्रियों द्वारा कार्यकर्ताओं से ठीक से बात नहीं करने की शिकायतें भी दिल्ली पहुंची हैं.